Published On: Fri, Dec 6th, 2024

Bihar News: मलूक पीठाधीश्वर बोले- सीता राम की कृपा से अखंड भारत होगा, न रहेगा बांग्लादेश और न पाकिस्तान


बक्सर में आयोजित श्री सीता राम विवाह महोत्सव में शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय संत और मलूक पीठाधीश्वर राजेंद्र दास जी महाराज पहुंचे। यहां उन्होंने एक बार फिर से अखंड भारत की कामना जाहिर की। उन्होंने कहा कि सीता राम की कृपा से वह दिन आएगा जब बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों का अस्तित्व नहीं रहेगा और भारत अखंड रहेगा। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने इसका मुख्य कारण भारतीय हिंदुओं का असंगठित होना बताया।

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‘विभाजन की रेखा हमेशा के लिए समाप्त करनी चाहिए’

राजेंद्र दास जी महाराज ने कहा कि भारत के विभाजन की रेखा को हमेशा के लिए समाप्त करना चाहिए। हम श्रीराम और माता सीता से प्रार्थना करते हैं कि कोई ऐसा अवसर आए जब भारत की विभाजन रेखा हमेशा के लिए समाप्त हो जाए। न बांग्लादेश रहे, न पाकिस्तान और पूरा भारत एक हो। उन्होंने यह भी कहा कि देश के अंदर और बाहर सभी हिंदू समाज को अपने धर्म के प्रति जागरूक होकर संगठित होना चाहिए। तभी हम दुनिया भर में हिंदू समाज पर हो रहे अत्याचारों का विरोध कर पाएंगे।

 

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर जताई चिंता

उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों का जिक्र कर कहा कि इस स्थिति का मुख्य कारण हिंदू समाज का असंगठित होना है। उनके अनुसार, अगर हिंदू समाज एकजुट हो, तो बांग्लादेश और पाकिस्तान में हो रहे इन अत्याचारों का मुकाबला किया जा सकता है।

 

सनातन धर्म की प्राचीनता का किया उल्लेख

इस मौके पर बक्सर के लक्ष्मी नारायण त्रिदंडी स्वामी गंगा पुत्र ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि हमारा सनातन धर्म 95 हजार करोड़ साल पुराना है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में मुस्लिमों के आने से पहले भगवान बुद्ध ने जीवों की हत्या पर रोक लगाई थी। उनका मानना था कि अगर भारत के सभी संत एकजुट हो जाएं, तो बांग्लादेश और पाकिस्तान सिर नहीं उठा सकते।

 

मस्जिदों को लेकर विवादास्पद बयान

स्वामी गंगा पुत्र ने कहा कि अगर पूरे धरती पर जितनी मस्जिदें हैं, उन्हें तोड़ा जाए, तो उनके नीचे से भगवान की ही प्रतिमा निकलेगी। उनका यह भी मानना है कि इससे पहले कोई दूसरा धर्म था ही नहीं, और ये बयान हिंदू धर्म के प्राचीनता और शक्ति को दर्शाने के लिए दिए गए थे।

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