Bihar News: भारी बारिश के बाद उफान पर कोसी नदी, किसानों की फसलें डूबी; कई गांव तक फैला बाढ़ का पानी
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उफान पर कोसी नदी
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
नेपाल व बिहार में पिछले 24 घंटे में हुई मूसलाधार बारिश के कारण राज्य के नदी-नाले जहाँ उफान पर हैं, वहीं कोसी समेत कई नदियों का जल स्तर विभिन्न जगहों पर खतरे के निशान को पार कर चुका है। इस बीच शनिवार की शाम 6 बजे कोसी बराज से इस साल का सर्वाधिक डिस्चार्ज रिकॉर्ड किया गया है।
सुपौल के वीरपुर स्थित बाढ़ नियंत्रण कोषांग के मुख्य अभियंता कार्यालय से जारी आंकड़ों के अनुसार अभी जलस्तर में और वृद्धि के संकेत हैं। कोसी बराज पर नदी खतरे के निशान के पास पहुंच चुकी है। शनिवार की शाम 6 बजे कोसी बराज से 3 लाख 03 हजार 860 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिसके बाद अगले 10 से 12 घंटों में कोसी तटबंध के अंदर आबादी वाले इलाकों में बाढ़ का पानी फैलने की आशंका है। बहरहाल नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद कोसी बराज के 56 में से 39 फाटक खोल दिए गए हैं। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार नेपाल प्रभाग के बराह क्षेत्र और सुपौल जिले के वीरपुर में कोसी नदी का बहाव खतरे के निशान से ऊपर है।
शुक्रवार की शाम एक लाख क्यूसेक से नीचे था डिस्चार्ज
21 जून को कोसी नदी ने 2 लाख 39 हजार 515 क्यूसेक डिस्चार्ज का रिकॉर्ड छू लिया था। इसके बाद से नदी के जलस्तर में लगातार उतार चढ़ाव देखा जा रहा था। शुक्रवार की शाम 6 बजे बराज से डिस्चार्ज घट कर 97 हजार 370 क्यूसेक रह गया था। हालांकि इसके बाद से लगातार जलस्तर में बढ़ोतरी देखी गई। शनिवार की सुबह 6 बजे 1 लाख 42 हजार 910 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था।
किसानों की फसलें डूबी, कई गांव तक फैला बाढ़ का पानी
कोसी नदी के जलस्तर में बीते 24 घंटों में आई तेजी के कारण तटबंध के अंदर कई खेतों में बाढ़ का पानी फैल गया है। जिससे सैकड़ों एकड़ में लगी मूंग, मक्का सहित अन्य फसलें बर्बाद हो गई है। वही आबादी वाले इलाकों में भी पानी प्रवेश करने लगा है। जिससे कोसी तटबंध के भीतर बसे दर्जनों गांव के लोगों को जरूरी कार्यों के लिए तटबंध से बाहर आने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि प्रशासन की ओर से नाव की व्यवस्था की गई है। लेकिन वह नाकाफी साबित हो रही है।
खतरे के निशान के करीब है नदी का बहाव
जल संसाधन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार कोसी बराज पर नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है। वही दोपहर 3 बजे तक सुपौल के बसुआ फाटक और सहरसा जिले में बलुआहा पुल के समीप नदी ने खतरे के निशान को पार कर लिया है। हालांकि खगड़िया के बलतारा में कोसी नदी 1 मीटर और कटिहार के कुरसेला में 3 मीटर नीचे बह रही है। वही सुपौल के वीरपुर स्थित मुख्य अभियंता बाढ़ नियंत्रण कोषांग कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कोसी के दोनों तटबंध और स्पर पूरी तरह सुरक्षित हैं। कोसी के दोनों तटबंधों पर कोसी नदी के जलस्तर में आए उतार चढ़ाव को देखते हुए सतत निगरानी और चौकसी बरती जा रही है। अधिकारियों की मानें तो वर्तमान स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। हालांकि राहत की खबर यह है कि अगले दो दिनों तक नेपाल प्रभाग में बारिश की संभावना कम है।
नेपाल प्रभाग में बारिश के बाद बढ़ा जलस्तर
कोसी नदी के जलस्तर में आई तेजी की मूल वजह नेपाल प्रभाग स्थित नदी के जलग्रहण क्षेत्र में हुई भारी बारिश है। जल संसाधन विभाग की ओर से जारी शाम 3 बजे जारी आंकड़ों के अनुसार शनिवार को नेपाल प्रभाग के धनकुट्टा में 75.33, धरान बाजार में 64.35, ओखलडुंग में 31.79 और तापलेजुंग में 3.59 एमएम बारिश हुई है। वही रविवार को नेपाल प्रभाग के धनकुट्टा में 4.62, धरान बाजार में 5.61, ओखलडुंग में 12.71 और तापलेजुंग में 4.20 एमएम बारिश की संभावना है। जबकि सोमवार को नेपाल प्रभाग के धनकुट्टा में 3.88, धरान बाजार में 6.12, ओखलडुंग में 14.46 और तापलेजुंग में 3.70 एमएम बारिश की संभावना है।
डीएम अलर्ट, प्रभावित इलाकों में बढ़ी निगरानी
इधर, कोसी नदी के जलस्तर में अचानक आए उछाल के बाद डीएम कौशल कुमार अलर्ट मोड पर हैं। उन्होंने प्रभावित इलाकों में अधिकारियों और कर्मियों को सतत निगरानी बरतने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा है कि बाढ़ का पानी फैलने के बाद लोगों को यथासंभव सरकारी सहायता मुहैया कराई जाए। इसके अलावा मेडिकल टीम को भी अलर्ट पर रहने को कहा गया है।