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किशनगंज जिला शिक्षा पदाधिकारी। – फोटो : अमर उजाला डिजिटल
विस्तार
किशनगंज के जिला शिक्षा पदाधिकारी नासिर हुसैन ने सीबीएसई से मान्यता प्राप्त सभी विद्यालयों में ऊर्दू की पढ़ाई को लेकर आदेश जारी किया था। आदेश के जारी होते ही जिले भर में सभी निजी विद्यालय के संचालक और जन प्रतिनिधियों ने इस आदेश पर आपत्ति जताई। इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने दिए गए अपने आदेश को वापस ले लिया।
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30 दिसंबर को जारी किया था पत्र
जिला शिक्षा पदाधिकारी नासिर हुसैन 30 दिसंबर को जिले के सभी निजी विद्यालयों, जो कि सीबीएसई से मान्यता प्राप्त हैं, उनमें उर्दू की पढाई को लेकर पत्र जारी कर आदेश निर्गत किया था। इसके बाद राजनैतिक दल के नेताओ और विद्यालय प्रबंधनों ने इस आदेश को लेकर तीखी आलोचना की। साथ ही भाजपा के नेताओं ने भी इसपर आपत्ति जाहिर की थी।
इस वजह से दिया था आदेश
इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी नासिर हुसैन का कहना है कि जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में किशनगंज के कांग्रेस विधायक इजहारुल हुसैन और कांग्रेस के सांसद डॉ जावेद आजाद के द्वारा यह मुद्दा उठाया गया था कि जिले में संचालित निजी विद्यालयों में उर्दू की पढ़ाई नहीं हो रही है। उनका कहना था कि चूंकि यह जिला अल्पसंख्यक बहुल है, इसलिए इस जिले के सभी निजी विद्यालयों में उर्दू की पढ़ाई होनी चाहिए। इसी वजह से जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी निजी विद्यालयों में उर्दू की पढ़ाई शुरू करने के लिए आदेश जारी किया था।
बैकफूट पर आये जिला शिक्षा पदाधिकारी
अब बुधवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी नासिर हुसैन ने खुद के द्वारा जारी किये गये आदेश को वापस ले लिया है। इस संबंध में पत्र जारी करते हुए उन्होंने कहा कि प्रासंगिक पत्र को रद्द करते हुए अनुरोध है कि अनापत्ति प्रमाण पत्र की शर्तों एवं सीबीएसई बोर्ड द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप ही विद्यालय का संचालन करना सुनिश्चित किया जाए।