Published On: Wed, May 28th, 2025

Bihar News: बिहार में मछली निर्यात को बढ़ावा, मत्स्य निदेशालय की समीक्षा बैठक में एक्सपोर्ट यूनिट गठन पर जोर


बिहार के मत्स्य क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आज बुधवार को पटना में मत्स्य निदेशालय द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय समीक्षा बैठक संपन्न हुई, जिसमें मछली निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट के गठन पर विशेष बल दिया गया। बैठक की अध्यक्षता पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी ने की, जबकि इसका संचालन अपर मुख्य सचिव डॉ. एन. विजयलक्ष्मी ने किया। इस अवसर पर निदेशक मत्स्य अभिषेक रंजन सहित सभी जिलों के जिला मत्स्य पदाधिकारी और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

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मछली निर्यात की दिशा में ठोस कदम

बैठक में अपर मुख्य सचिव डॉ. एन. विजयलक्ष्मी ने बिहार के मत्स्य क्षेत्र को केवल उत्पादन तक सीमित न रखकर निर्यात के क्षेत्र में भी अग्रणी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि एक विशेष कमिटी का गठन किया जाए, जो मछली निर्यात के लिए एक्सपोर्ट ओरिएंटेड यूनिट की स्थापना हेतु ठोस कार्ययोजना तैयार करे। उन्होंने कहा कि बिहार में सरप्लस मछली उत्पादन की क्षमता है, जिसका उपयोग अन्य देशों में निर्यात के लिए किया जा सकता है। इससे न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि बिहार मत्स्य क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना सकेगा।

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नवाचार और अवसंरचना के रखरखाव पर जोर

समीक्षा के दौरान डॉ. विजयलक्ष्मी ने सभी जिला मत्स्य पदाधिकारियों को नवाचार को बढ़ावा देने और मत्स्य अवसंरचना के समुचित रखरखाव के लिए तत्परता से काम करने का निर्देश दिया। उन्होंने मधुबनी जिले के चौर क्षेत्र में क्लस्टर मॉडल के तहत किए जा रहे विकास कार्यों को एक सकारात्मक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया। इस मॉडल की सफलता को देखते हुए उन्होंने इसे अन्य जिलों में भी लागू करने की सलाह दी, ताकि मत्स्य उत्पादन और प्रबंधन में एकरूपता और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। अधिकारियों से यह भी अपेक्षा की गई कि वे मौजूदा संसाधनों का बेहतर उपयोग करें और नई तकनीकों को अपनाकर उत्पादकता बढ़ाएं।

 

मछुआरों को समय पर लाभ सुनिश्चित करें

मंत्री रेणु देवी ने अपने संबोधन में अधिकारियों को मछुआरों के हितों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ मछुआरों तक समय पर पहुंचना चाहिए, ताकि उनकी आजीविका में सुधार हो सके। उन्होंने यह भी जोर दिया कि बारिश शुरू होने से पहले सभी निर्माणाधीन कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए। मंत्री ने अधिकारियों से पूर्ण समर्पण और तत्परता के साथ कार्य करने का आह्वान किया, ताकि बिहार को मत्स्य क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाया जा सके। उनके इस संदेश ने अधिकारियों में नई ऊर्जा का संचार किया।

 

उत्कृष्ट प्रदर्शन वाले जिले सम्मानित

समीक्षा बैठक में विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन और लक्ष्य प्राप्ति के आधार पर शेखपुरा, लखीसराय, जहानाबाद, समस्तीपुर और अररिया जिलों को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए सराहा गया। इन जिलों ने निर्माण कार्यों को समय पर पूरा करने, लाभार्थियों तक योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित करने और नवाचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया। इन जिलों के जिला मत्स्य पदाधिकारियों की मेहनत और समर्पण को बैठक में विशेष रूप से उल्लेखित किया गया, जिससे अन्य जिलों को भी प्रेरणा मिली।

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बिहार का मछली उत्पादन में चौथा स्थान

बैठक में यह बताया गया कि बिहार वर्तमान में देश में मछली उत्पादन के मामले में चौथे स्थान पर है। हालांकि इस रैंकिंग को और बेहतर बनाने के लिए अधिकारियों को और अधिक तत्परता के साथ काम करने का निर्देश दिया गया। राज्य की आत्म निर्भर बिहार (सात निश्चय 2) योजना और केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। अधिकारियों से अपेक्षा की गई कि वे योजनाओं के लक्ष्यों को समय पर प्राप्त करें और मछली उत्पादन को बढ़ाने के लिए नवीन तकनीकों और रणनीतियों को अपनाएं।

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