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परिवार न्यायालय में फरियाद लेकर पहुंची एएसआई की पत्नी और बेटियां।
विस्तार
भरण-पोषण से जुड़े एक मामले में सुपौल के परिवार न्यायालय ने दरभंगा में पदस्थापित एएसआई रासलाल यादव के विरुद्ध एक लाख रुपए का अर्थदंड सुनाया है। जुर्माना की यह राशि सुनवाई की अगली तारीख से पहले पत्नी अथवा सरकारी खाते में जमा करानी होगी। दरअसल, रासलाल के विरुद्ध सुपौल के निर्मली थाना क्षेत्र अंतर्गत महुआ निवासी पत्नी असलता देवी सहित बेटी बेबी कुमारी और सपना कुमारी की ओर से परिवार न्यायालय में भरण-पोषण वाद दायर है।
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आय से संबंधित लेखा-जोखा और शपथ पत्र दायर नहीं किया
वाद संख्या- 20/2014 की सुनवाई के क्रम में कोर्ट ने अब तक आय से संबंधित लेखा-जोखा और शपथ पत्र दायर नहीं करने पर नाराजगी जताई। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राहुल उपाध्याय ने एएसआई की ओर से अंतरिम मेंटेनेंस रोके जाने को लेकर भी नाराजगी व्यक्त किया। आवेदक पक्ष की ओर से अधिवक्ता नागेंद्र नारायण ठाकुर व विद्याकर मंडल ने बताया कि विपक्षी की ओर से कोर्ट में कोई जवाब और गवाही दाखिल नहीं किया जा रहा है। कोर्ट ने 7 सितंबर 2015 को ही मामले में विपक्षी को 6 हजार रुपए प्रतिमाह अंतरिम मेंटेनेंस भुगतान आवेदक को भुगतान का आदेश दिया था। यह आदेश वर्ष 2014 से ही प्रभावी है। लेकिन विपक्षी की ओर से 7 नवंबर 2024 तक महज 4 लाख 76 हजार रुपए का भुगतान किया गया। यह भुगतान भी नियमित नहीं था। 7 नवंबर तक एक लाख 40 हजार रुपए बकाया होने के बाद मामला दोबारा कोर्ट के संज्ञान में लाया गया, जिसके बाद कोर्ट ने इसका संज्ञान लिया है।
दरभंगा एसपी और डीआईजी को भी भेजी गई आदेश की प्रति
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने एएसआई रासलाल यादव को जुर्माना सुनाने के साथ ही 20 जनवरी 2025 को सशरीर उपस्थित होने का आदेश दिया है। साथ ही आदेश की प्रति दरभंगा एसपी और डीआईजी को भेजी गई है। एसपी और डीआईजी को आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है। इसके अलावा 20 जनवरी तक रासलाल को अपने आय से संबंधित लेखा-जोखा शपथ पत्र के साथ दाखिल करने को कहा गया है। अधिवक्ता विद्याकर मंडल ने बताया कि आदेश की अनदेखी होने पर कोर्ट डिस्ट्रेस वारंट निर्गत कर सकता है। एएसआई की ओर से अधिवक्ता रसिक लाल यादव कोर्ट में पक्ष रख रहे हैं।
पत्नी का आरोप- दो बेटी होने पर मारपीट कर घर से निकाला
दायर वाद में एएसआई रासलाल यादव की पत्नी असलता देवी ने वर्ष 2014 में ही कोर्ट में कहा है कि करीब 15 वर्ष पूर्व उसकी शादी हुई थी। जिससे दो बेटी भी है। लेकिन बेटा नहीं होने की वजह से वर्ष 2013 में पति ने मारपीट कर उसे घर से बाहर निकाल दिया था। इसके बाद उसने कई बार पति के साथ रहने का प्रयास किया, लेकिन वह उसे साथ रखने को तैयार नहीं है। इसकी वजह से उसने कोर्ट में भरण-पोषण के लिए भत्ता का दावा किया। इधर, शुक्रवार को बातचीत में असलता ने बताया कि रासलाल ने दूसरी शादी रचा ली है। असलता ने कोर्ट से न्याय की उम्मीद जताई।