Bihar News: ‘बिहारी इतना आगे है तो बिहार इतना पीछे क्यों’, चिराग पासवान ने नीतीश सरकार से पूछा
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान
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केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान ने बिहार सरकार से अपराध और हाल ही में पुल ढहने की घटनाओं के मामलों पर सवाल उठाते हुए सख्त कार्रवाई करके मिसाल कायम करने को कहा है। उन्होंने कहा कि राज्य को विकास की सीढ़ी पर आगे बढ़ने के लिए एक विजन (नजरिये) की जरूरत है। कभी बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष (नीतीश कुमार) के तीखे आलोचक रहे पासवान ने कहा कि सत्तारूढ़ राजग अगला विधानसभा चुनाव नीतीश के नेतृत्व में लड़ेगा। लेकिन उन्होंने कई ऐसे मुद्दे उठाए, जिनके कारण राज्य का विकास बाधित हुआ है। बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 के अंत में होने हैं।
चिराग पासवान ने कहा कि बिहारी इतना आगे है तो बिहार इतना पीछे क्यों है? हमें इस सवाल का जवाब तलाशने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि किस तरह से राज्य के लोग अलग-अलग क्षेत्रों में, सरकारी नौकरियों से लेकर निजी क्षेत्र में, पलायन के बाद अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समस्या यह है कि एक विजन होना चाहिए और उसे लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य से पलायन को रोकने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए।
23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश किए जाने से पहले पासवान ने कहा कि वह बिहार के लिए विशेष श्रेणी के दर्जे की मांग का समर्थन करते हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि नीति आयोग की सिफारिशें मांग को स्वीकार करने के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि राज्य को विशेष पैकेज जैसा विकल्प दिया जाना चाहिए।
हाल के महीनों में बिहार में लगभग 15 पुलों के ढहने के मामले पर भी पासवान ने अपनी प्रतिक्रिया दी। दरअसल, पुल गिरने-ढहने के मामले ने विकास कार्यों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए और राज्य को सोशल मीडिया पर चुटकुलों और मीम्स का केंद्र बना दिया। इसे लेकर चिराग पासवान ने कहा कि यह एक गंभीर मुद्दा है। उन्होंने कहा कि इससे निश्चित रूप से पता चलता है कि कहीं न कहीं भ्रष्टाचार हुआ है। समझौते किए गए। मैं इस राजनीति में नहीं पड़ना चाहता कि उस समय सरकार में कौन था। हम अब सरकार में हैं। यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि यह फिर न हो। जो भी जिम्मेदार है, उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और दंडित किया जाना चाहिए ताकि भविष्य के लिए एक मिसाल कायम हो।
नीतीश कुमार पर उनके रुख में आए बदलाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अगर वह गठबंधन का हिस्सा हैं, तो उन्हें पूरे दिल से वहां रहना चाहिए। पासवान ने कहा कि मैं गठबंधन का हिस्सा नहीं हो सकता और मुझे आशंकाएं भी हैं, क्योंकि इससे गठबंधन को नुकसान हो सकता था और हमारा प्रदर्शन प्रभावित हो सकता था। एनडीए ने राज्य की 40 लोकसभा सीटों में से 30 पर जीत हासिल की, जिसमें पासवान की पार्टी ने सभी पांच सीटों पर जीत हासिल करके 100 प्रतिशत स्ट्राइक रेट हासिल किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार ने पिछली राजद सरकारों के तहत राज्य को चलाने के तरीके की तुलना में ‘वास्तव में अच्छा’ प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि हमेशा सुधार की गुंजाइश होती है।
वहीं, चिराग ने कहा कि अपराध दर पर अंकुश लगाने से राज्य में पर्यटन, खासकर धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है, क्योंकि लोगों को बिहार आने से पहले सुरक्षित महसूस करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भगवान राम की पत्नी सीता के लिए सीतामढ़ी में एक भव्य मंदिर और शहर को अयोध्या (जहां श्रद्धालुओं का मानना है कि उनका जन्म हुआ था) से जोड़ना पर्यटन को बहुत बढ़ावा दे सकता है।
इसके इतर चिराग पासवान ने बिहार के शहरों में शिक्षा के बुनियादी ढांचे की कमी पर अफसोस जताया। उन्होंने कहा कि राज्य के बड़ी संख्या में छात्र कोटा के कोचिंग सेंटरों में दाखिला लेते हैं, जिनमें से कई बिहारियों के स्वामित्व में हैं। पासवान ने कहा कि वहां काफी संख्या में शिक्षक भी बिहार से हैं। उन्होंने आश्चर्य जताया कि ऐसा मॉडल पटना, मुजफ्फरपुर या भागलपुर में क्यों नहीं दोहराया जा सकता। इसके साथ ही हाजीपुर के सांसद ने नदियों को आपस में जोड़ने का आह्वान करते हुए कहा कि राज्य नियमित रूप से सूखे और बाढ़ से पीड़ित रहता है।