Bihar News: नियोजित शिक्षकों का नियुक्ति पत्र के खिलाफ कैंडल मार्च, सेवा निरंतरता की अनदेखी पर विरोध
कैंडल मार्च निकालते नियोजित शिक्षक
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सीतामढ़ी में मंगलवार शाम को नियोजित शिक्षकों ने नियुक्ति पत्र वितरण में सेवा निरंतरता की अनदेखी के विरोध में कैंडल मार्च निकाला। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर इस प्रदर्शन का नेतृत्व जिलाध्यक्ष आलोक कुमार ने किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार नियोजित शिक्षकों के साथ अन्याय कर रही है और सेवा निरंतरता का जिक्र नियुक्ति पत्र में नहीं करके शिक्षकों को ठगने की साजिश कर रही है।
‘सेवा निरंतरता के बिना नियुक्ति पत्र अस्वीकार्य’
शिक्षकों ने कहा कि सक्षमता परीक्षा पास करने के बावजूद सरकार नियुक्ति पत्र में उनकी पुरानी सेवा का कोई उल्लेख नहीं कर रही है। शिक्षकों का कहना है कि 20 वर्षों तक सेवा देने वाले शिक्षकों की वरिष्ठता समाप्त हो जाएगी और नए नियुक्त शिक्षक उनसे ऊपर हो जाएंगे। जिलाध्यक्ष आलोक कुमार ने इसे शिक्षकों का अपमान बताते हुए कहा कि सरकार शिक्षकों की 20 वर्षों की मेहनत और सेवा का कोई सम्मान नहीं कर रही है।
सरकार की हठधर्मिता पर आक्रोश
शिक्षक संघ ने बताया कि नियुक्ति पत्र में सेवा निरंतरता की मांग को लेकर सरकार को कई पत्र भेजे गए, लेकिन सरकार इस पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। संघ के सचिव संजीव कुमार ने इसे सरकार की शिक्षक विरोधी नीति करार दिया। उन्होंने सभी सक्षमता उत्तीर्ण शिक्षकों से अपील की कि वे 20 नवंबर को नियुक्ति पत्र न लें और सरकारी कार्यक्रमों का बहिष्कार करें।
अन्य मांगें भी उठाईं
शिक्षकों ने पोस्टिंग प्रक्रिया को अनुमंडल स्तर से हटाकर प्रखंड स्तर पर करने की मांग की। इसके साथ ही स्कूलों के संचालन समय में बदलाव की बात कही, ताकि स्कूल केवल शाम चार बजे तक संचालित हों।