रजिस्ट्री कार्यालय में दस्तावेजों से छेड़छाड़ और पृष्ठ गायब करने का गंभीर मामला सामने आया है। कार्यालय के प्रभारी अभिलेखपाल महेंद्र रविदास ने स्वयं इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया और नगर थाना में पांच व्यक्तियों के विरुद्ध नामजद प्राथमिकी दर्ज करवाई है। आरोपियों में सर्चर रंजीत कुमार, बाइंडिंग कर्मी शिवन कुमार, कंप्यूटर ऑपरेटर मोनू कुमार, दफ्तरी मकसूद आलम और दस्तावेज खरीदार गंगा शंकर शामिल हैं।
यह मामला तब सामने आया जब राजेश कुमार नामक व्यक्ति ने 8 अप्रैल 2025 को वर्ष 1978 के दस्तावेज संख्या 11352 की प्रति प्राप्त करने के लिए आवेदन दिया। जांच के दौरान यह पाया गया कि जिल्द संख्या 98 के पृष्ठ 598 से 601 तक छेड़छाड़ की गई है। इसके अतिरिक्त, वर्ष 1971 की उसी जिल्द के पृष्ठ 431 से 442 तक कुल 12 पृष्ठ गायब पाए गए। वहीं जिल्द संख्या 134 के पृष्ठ 59 से 64 तक भी 6 पृष्ठ नहीं मिले।
जांच में खुलासा हुआ कि गायब कुल 18 पृष्ठों में से 5 पृष्ठ (पृष्ठ संख्या 597 से 601) वर्ष 1978 की जिल्द संख्या 98 में जोड़े गए हैं। शेष 13 पृष्ठों का अब तक कोई सुराग नहीं मिल पाया है, हालांकि प्राथमिकी में इसका स्पष्ट उल्लेख नहीं होने से संदेह की स्थिति बनी हुई है।
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गौरतलब है कि 1 नवंबर 2023 को भी वर्ष 1971 की जिल्द संख्या 98 से दस्तावेज संख्या 11352 के पृष्ठ 438 से 441 की नकल निर्गत की गई थी। उस समय भी आवेदन सर्चर रंजीत कुमार ने ही दिया था, जिससे संदेह और गहरा गया है कि अभिलेखों में छेड़छाड़ उसी समय की गई थी। मामला उजागर होते ही रंजीत कुमार ने कार्यालय आना बंद कर दिया, जिससे उसकी भूमिका और संदिग्ध हो गई है।
नगर थाना में दर्ज प्राथमिकी (कांड संख्या 531/25) में रंजीत कुमार को मुख्य आरोपी बताया गया है। वह स्टेशन रोड निवासी गया सिंह का पुत्र है। अन्य आरोपियों में दस्तावेज खरीदार गंगा शंकर (नरहट थाना क्षेत्र के देदौर गांव निवासी), दफ्तरी मोहम्मद मकसूद आलम, कंप्यूटर ऑपरेटर मोनू कुमार और बाइंडिंग कर्मी शिवन कुमार (तथा उसके अज्ञात पुत्र) का नाम दर्ज किया गया है। डीएसपी हुलास कुमार ने बताया कि मामले की जांच जारी है। हालांकि अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।