Published On: Sat, Jul 13th, 2024

Bihar News: तराई में लगातार हो रही बारिश से बीस गांवों में बाढ़ का कहर; लोग खाने को मोहताज, ऐसे काट रहे जीवन


Bihar News: Continuous rain in Terai region has caused floods in 20 villages; people are starving for food

जुगाड़ वाली नाव से गांव से बाहर जाते लोग
– फोटो : अमर उजाला

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नेपाल के तराई क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश ने तबाही मचा दी है। बिहार के पश्चिम चंपारण जिले के 20 गांवों में बाढ़ का कहर है। लोग खाना खाने को तरस रहे हैं। हालांकि लोग भुजा चूड़ा का वैकल्पिक व्यवस्था कर खा रहे हैं और अपना गुजारा कर रहे हैं। छोटे-छोटे मासूम बच्चे भी बुरी तरह परेशान हैं। उधर, वाल्मीकि नगर गंडक बैराज से भी लगातार पानी को छोड़ा जा रहा है। इसके कारण लगातार बाढ़ के पानी में बढ़ोतरी हो रही है, जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ती जा रही हैं। पश्चिमी चंपारण जिले के योगापट्टी, नौतन और बैरिया प्रखंड के बीस निचले इलाके के गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है, जिससे लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

 

जानकारी के मुताबिक, गंडक नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के बाद तीन प्रखंड के 20 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। योगापट्टी प्रखंड के जररपुर पंचायत के जररपुर गांव के ग्रामीण गुड़ बनाने वाले दो कड़ाहों को बांस में बांधकर जुगाड़ से नाव बनाकर गांव से बाहर जा-आ रहे हैं। गांव से करीब दो किलोमीटर दूर तक कड़ाहों वाली नाव से ही लोग सफर तय कर रहे हैं। पूरा गांव टापू में तब्दील हो गया है।

बताया जा रहा है कि गांव से बाहर निकलने के लिए प्रशासनिक स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं की गई है। इस कारण लोग कमर भर पानी पार कर और जुगाड़ की नाव से आने जाने के लिए मजबूर हैं। योगापट्टी के सिसवा मंगलपुर पंचायत के खापटोला, सिसवा महादलित बस्ती, जररपुर पंचायत के गजना, बैसिया और शाही बाजार सहित कई गांवों में लगातार पानी बढ़ रहा है। बाढ़ का कहर बैरिया और नौतन होते हुए पूर्वी चंपारण की ओर तेजी से बढ़ रहा है।

 

इधर, बैरिया प्रखंड के सूर्यपुर पंचायत के वार्ड-9 और 10 के करीब पांच हजार लोग बाढ़ की चपेट में हैं। नदी में तेज धार होने की वजह से पूरे बैजुआ पंचायत में आवागमन बंद हो गया है। हर ओर से नदियों से घिरे होने की वजह से बैजुआ के सरेही इलाकों में पानी घुस गया है। ग्रामीण संजय यादव, अवधेश यादव, रंभू यादव, सुकट राम, प्रमोद कुमार, नवलकिशोर कुमार और सोहन कुमार यादव आदि ने बताया कि बरसात के मौसम में हर साल हम लोगों का यही हाल होता है। बरसात का महीना आने से पहले ही बाढ़ का नाम सुनकर रूह कांप जाती है।

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