Bihar News: छठ घाट पर कार्यपालक पदाधिकारी से स्थानीय लोगों की नोक-झोंक, हंगामे का वीडियो आया सामने


कार्यपालक पदाधिकारी और स्थानीय लोगों में जमकर हुई कहासुनी
– फोटो : अमर उजाला
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लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के मद्देनजर हाजीपुर के इमली घाट पर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार और स्थानीय ग्रामीणों के बीच नोक-झोंक हो गई। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। यह घटना मंगलवार को घटित हुई, जब स्थानीय लोग कार्यपालक पदाधिकारी से घाट की साफ-सफाई और सुविधाओं के बारे में शिकायत कर रहे थे।
गंदे पानी और जर्जर रास्ते की शिकायत
स्थानीय लोगों ने कार्यपालक पदाधिकारी से इमली घाट के पास जमा पानी की स्थिति पर आपत्ति जताई, जहां बाढ़ का पानी जमा था और उसमें दुर्गंध फैल रही थी। उनका आरोप था कि गड्ढे में जमा गंदा पानी व्रतियों के लिए असुविधाजनक था। वहीं, पशु के शव के पड़े होने से भी व्रतियों को परेशानी हो रही थी। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पानी सड़ने के कारण उसमें कीड़े पड़े हुए थे, जो व्रति के लिए और भी असुविधाजनक थे।
इसके अलावा, घाट तक जाने वाली सड़क भी जर्जर थी, जिससे छठ पूजा के दौरान श्रद्धालुओं को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ सकता था। स्थानीय लोगों ने इन समस्याओं के समाधान के लिए नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी से शिकायत की थी, जिसके बाद वह अपनी टीम के साथ घाट का जायजा लेने पहुंचे थे।
कार्यपालक पदाधिकारी से हुई बहस
घाट पर पहुंचने पर कार्यपालक पदाधिकारी सुशील कुमार ने जब स्थानीय लोगों से कहा कि वे गंदे पानी में ही पूजा करें, तो ग्रामीण आक्रोशित हो गए और बहस शुरू हो गई। इस दौरान कार्यपालक पदाधिकारी ने ‘बेहूदा’ शब्द का इस्तेमाल किया, जिससे लोग और भी भड़क गए। इसके बाद कार्यपालक पदाधिकारी और स्थानीय लोग आपस में गाली-गलौज करने लगे। स्थिति बिगड़ते देख नगर परिषद की टीम मौके से निकल गई।
नगर परिषद ने घाट की सफाई शुरू की
आक्रोश को देखते हुए नगर परिषद प्रशासन ने घाट की सफाई करवाई। फिर दलदल वाले स्थान पर बालू डालने का काम शुरू कर दिया, ताकि घाट की स्थिति बेहतर हो सके। प्रशासन ने छठ महापर्व से पहले घाट की सफाई और सुविधाओं को दुरुस्त करने की दिशा में कदम उठाए हैं।
स्थानीय लोगों की मांग
स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर परिषद की तरफ से छठ पूजा के लिए जरूरी सुविधाएं समय रहते उपलब्ध नहीं कराई गई थीं, जिसके कारण उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। उनका यह भी कहना है कि इस घटना के बाद अब प्रशासन को उनके द्वारा उठाई गई समस्याओं का समाधान शीघ्र करना चाहिए, ताकि व्रती और श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के पर्व को मना सकें।