Bihar News: गन्ना किसानों ने चीनी मिल के खिलाफ एसडीएम कार्यालय के सामने किया प्रदर्शन, नए नियम से हैं परेशान


एसडीएम कार्यालय के सामने विरोध-प्रदर्शन करते गन्ना किसान
– फोटो : अमर उजाला
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बेतिया में गन्ना किसानों ने सोमवार को तिरुपति शुगर मिल के प्रबंधन पर नए नियम लागू कर उन्हें परेशान करने का आरोप लगाते हुए एसडीएम कार्यालय के सामने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। ईख काश्तकार संघ के बैनर तले जुटे किसानों ने चीनी मिल प्रबंधन पर आरोप लगाया कि वह नए पेराई सत्र 2024-25 में बिना किसी पूर्व बैठक और किसानों की सहमति के, मनमाने तरीके से नियम लागू कर रहा है। इससे किसानों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
‘बिना बैठक के शुरू किया गया पेराई सत्र’
ईख काश्तकार संघ के प्रदेश सचिव रामकुमार उर्फ छोटे श्रीवास्तव के नेतृत्व में किसानों ने कहा कि सरकार की नई गाइडलाइन के मुताबिक पेराई सत्र चालू करने से पहले चीनी मिल प्रबंधन को किसानों के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं को समझना और उनके हितों को ध्यान में रखना आवश्यक है। हालांकि, तिरुपति शुगर मिल प्रबंधन ने इस गाइडलाइन की अनदेखी करते हुए बिना किसी बैठक के गन्ना पेराई सत्र शुरू कर दिया।
पांच प्रतिशत मिक्स गन्ने पर रोक से किसानों में रोष
किसानों का कहना है कि तिरुपति शुगर मिल ने नए नियम के तहत पांच प्रतिशत मिक्स गन्ने को अस्वीकार कर दिया है। गन्ना किसानों का आरोप है कि सरकार के आदेशानुसार पांच प्रतिशत मिक्स गन्ना स्वीकार किया जाना चाहिए, लेकिन मिल प्रबंधन इसे लौटा रहा है। इस फैसले से किसानों को आर्थिक नुकसान हो रहा है और उनकी फसल खेतों में खड़ी रह रही है।
बारिश और बाढ़ से प्रभावित फसलों की अस्वीकृति
हाल के दिनों में हुई भारी बारिश और गंडक नदी की बाढ़ से कई किसानों के खेतों में गन्ना खराब हो गया था। बाढ़ से खेतों में पानी और रेत भर गया, जिससे गन्ने की गुणवत्ता पर असर पड़ा। किसानों का कहना है कि चीनी मिल प्रबंधन इस गन्ने को अस्वीकार कर रहा है, जो उनकी समझ से परे है। उनका कहना है कि प्राकृतिक आपदा के कारण फसल पर असर पड़ा है, ऐसे में मिल प्रबंधन का रवैया किसानों के प्रति नकारात्मक और असंवेदनशील है।
‘गाइडलाइन के अनुसार सभी प्रकार के गन्ने की आपूर्ति स्वीकारें’
किसानों ने मांग की कि सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप चीनी मिल को सभी प्रकार के गन्ने की आपूर्ति स्वीकार करनी चाहिए। उनका कहना है कि विभिन्न प्रकार के गन्ने की गुणवत्ता का मूल्यांकन कर मिल में आपूर्ति को स्वीकार किया जाना चाहिए। किसानों ने यह भी कहा कि वे सरकार द्वारा स्वीकृत ‘उत्तम प्रवेश चालान’ पर सभी गन्ने की आपूर्ति की मांग कर रहे हैं, ताकि उन्हें राहत मिल सके।
एसडीएम कार्यालय के सामने किया विरोध प्रदर्शन
किसानों ने एसडीएम कार्यालय के सामने इकट्ठा होकर चीनी मिल प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की और उनके गलत रवैये का विरोध किया। किसानों ने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे आगे भी आंदोलन करेंगे। उन्होंने जिला प्रशासन से अपील की कि वह तिरुपति शुगर मिल को सरकार के निर्देशों का पालन करवाए और किसानों को राहत दिलवाए।
प्रशासन से हस्तक्षेप की मांग
किसानों ने प्रशासन से मांग की कि वह चीनी मिल प्रबंधन के इस रवैये पर रोक लगाए और किसानों को राहत प्रदान करे। किसानों का कहना है कि उनका संघर्ष केवल अपनी मेहनत के सही मूल्य को पाने का है। उन्होंने कहा कि उनकी मेहनत और फसल दोनों का सही तरीके से मूल्यांकन और सम्मान होना चाहिए, ताकि उनकी आजीविका पर संकट न आए।