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संवेदक के खिलाफ प्रदर्शन करते ग्रामीण – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
वैशाली जिले के राघोपुर और बिदुपुर प्रखंड को जोड़ने वाले जिमदारी घाट पर गंगा नदी में हर साल बनने वाला पीपा पुल इस बार अब तक चालू नहीं किया गया है। इससे नाराज ग्रामीणों ने शुक्रवार को संवेदक के खिलाफ जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की। उनका आरोप है कि संवेदक की लापरवाही और राजनीतिक कारणों से पुल का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है, जिससे उन्हें भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
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सितंबर में बनने वाला पुल अब तक अधूरा
ग्रामीणों का कहना है कि हर साल बरसात खत्म होते ही सितंबर माह में पीपा पुल का निर्माण पूरा कर दिया जाता था। इस बार दिसंबर का अंत आ गया है, लेकिन पुल अब तक चालू नहीं हुआ है। संवेदक ने केवल पीपा जोड़ने का काम किया है, लेकिन एप्रोच रोड बनाने और मिट्टी भरने का काम अधूरा छोड़ दिया है। इसके चलते गाड़ी, साइकिल और पैदल यात्री पुल का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं।
पुल न होने से नाव का सहारा, बढ़ा खतरा
पुल चालू न होने के कारण लोग गंगा नदी पार करने के लिए ओवरलोड नाव का सहारा ले रहे हैं। यह न केवल असुविधाजनक है बल्कि जानलेवा भी साबित हो सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि पानी के स्तर में गिरावट आने के कारण फतेहपुर खालसा घाट और जिमदारी घाट पर नाव अक्सर बीच नदी में फंस जाती हैं। नाव को निकालने और घूमकर ले जाने में काफी समय बर्बाद हो जाता है, जिससे यात्री देरी से अपने गंतव्य पर पहुंचते हैं।
स्कूल-कॉलेज और ऑफिस जाने में मुश्किलें
पुल की अनुपलब्धता से ड्यूटी करने वाले सरकारी कर्मचारियों और स्कूल-कॉलेज जाने वाले विद्यार्थियों को समय पर पहुंचने में कठिनाई हो रही है। लोग नाव से सफर करने को मजबूर हैं, जो जोखिम और असुविधाओं से भरा हुआ है। मरीजों को जिला मुख्यालय स्थित हाजीपुर अस्पताल तक पहुंचाने में भी बड़ी परेशानी हो रही है।
संवेदक और प्रशासन पर आरोप
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि संवेदक काम में जानबूझकर देरी कर रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण पुल के निर्माण में बाधा आ रही है। ग्रामीणों ने संवेदक और प्रशासन से मांग की है कि पीपा पुल का निर्माण जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि उनकी समस्याओं का समाधान हो सके।
आक्रोशित ग्रामीणों की मांग
प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर पुल का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा नहीं किया गया तो वे बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। लोगों का कहना है कि यह पुल न केवल राघोपुर और बिदुपुर प्रखंड के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह क्षेत्र के सैकड़ों लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने का एकमात्र साधन भी है।