सारण जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ. कुमार आशीष ने विभागीय आदेशों की अनदेखी और कर्तव्य में लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए बड़ी कार्रवाई की है। जिले के 22 थानाध्यक्षों के वेतन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए उनसे तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके साथ ही उन्हें निर्देशित किया गया है कि हर हाल में अवैध संपत्ति अर्जित करने वाले कम से कम दो अपराधियों के खिलाफ प्रस्ताव समर्पित करें।
कई बार निर्देश के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई
एसपी डॉ. आशीष ने बताया कि अपराधियों द्वारा अवैध रूप से अर्जित संपत्ति की पहचान कर उसे कुर्क करने के उद्देश्य से 20 मई 2025 तक सभी थानों से प्रस्ताव मांग किए गए थे। इसके लिए कई बार बैठकों और पत्राचार के माध्यम से थानाध्यक्षों को निर्देशित किया गया था। लेकिन इसके बावजूद 22 थानाध्यक्षों ने न तो अपराधियों को चिन्हित किया और न ही कोई प्रस्ताव समर्पित किया। साथ ही इस लापरवाही को लेकर कोई स्पष्टीकरण भी नहीं दिया गया।
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गंभीर लापरवाही पर हुआ वेतन रोक
पुलिस अधीक्षक ने इसे कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही और उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना माना है। उन्होंने कहा कि विभागीय अनुशासन बनाए रखने और अपराध नियंत्रण के लिए की जा रही प्रशासनिक रणनीतियों का पालन नहीं करना स्वीकार्य नहीं है। इसी के चलते 22 थानाध्यक्षों का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है।
जिन अधिकारियों पर गिरी गाज, उनके नाम भी सार्वजनिक
इस कार्रवाई की जद में आने वाले थानाध्यक्षों में नगर थाना, दरियापुर, खैरा, नगरा, बनियापुर, जलालपुर, सहाजितपुर, दाउदपुर, जनता बाजार, गौरा, अमनौर, भेल्दी, मकेर, तरैया, इसुआपुर, पहलेजा, हरिहरनाथ, नयागांव, दिघवारा, परसा, अकीलपुर और डेरनी के थानाध्यक्ष शामिल हैं। इनमें से कई अधिकारी पुलिस निरीक्षक के पद पर पदस्थापित हैं, जबकि अन्य पुलिस अवर निरीक्षक के पद पर कार्यरत हैं। पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट कहा है कि अगर निर्धारित समय सीमा में संतोषजनक जवाब और प्रस्ताव नहीं आए, तो आगे और कठोर कार्रवाई की जाएगी।
जिले में अपराध नियंत्रण की नई रणनीति
यह कार्रवाई जिले में अपराधियों की अवैध संपत्ति के खिलाफ एक व्यापक अभियान की तैयारी का हिस्सा है। पुलिस प्रशासन चाहता है कि न सिर्फ अपराधियों पर कानूनी शिकंजा कसा जाए, बल्कि उनके आर्थिक स्रोतों को भी समाप्त किया जाए। इसीलिए सभी थानों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने क्षेत्र में सक्रिय अपराधियों की अवैध संपत्तियों की पहचान कर प्रस्ताव भेजें।
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तीन दिन की समय सीमा
डॉ. कुमार आशीष ने कहा कि 22 थानाध्यक्षों को तीन दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देना होगा और कम-से-कम दो अपराधियों के खिलाफ अवैध संपत्ति कुर्की के प्रस्ताव प्रस्तुत करने होंगे। अगर ऐसा नहीं किया गया तो आगे की विभागीय कार्रवाई तय है। इस निर्णय से जिले भर के पुलिस पदाधिकारियों में हलचल मच गई है।