Published On: Fri, Dec 13th, 2024

Bihar News: एमडीएम योजना में घोर अनियमितता, तीन गुना हाजिरी दर्ज करने पर प्रधानाध्यापक को कारण बताओ नोटिस


Supaul: Gross irregularities in MDM scheme, show cause notice to headmaster for registering 3 times attendance

बिहार शिक्षा विभाग
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


सुपौल जिले के निर्मली प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय हरिपुर में मध्याह्न भोजन (एमडीएम) योजना में गंभीर अनियमितता का मामला सामने आया है। विद्यालय में उपस्थित छात्रों की संख्या से तीन गुना अधिक हाजिरी दर्ज की गई। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) एस सिद्धार्थ के औचक निरीक्षण में यह गड़बड़ी उजागर हुई। इस पर विद्यालय प्रधान को कारण बताओ नोटिस जारी कर 24 घंटे में स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है।

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औचक निरीक्षण में गड़बड़ी उजागर

जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को एसीएस एस सिद्धार्थ ने वीडियो कॉल के माध्यम से उत्क्रमित मध्य विद्यालय हरिपुर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान विद्यालय में कुल 525 नामांकित छात्रों में से केवल 116 छात्र-छात्राएं उपस्थित पाए गए। जबकि आईवीआरएस (इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पॉन्स सिस्टम) पर 352 विद्यार्थियों की उपस्थिति रिपोर्ट की गई थी। निर्मली प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी (बीईओ) के फिजिकल निरीक्षण में भी पुष्टि हुई कि एमडीएम संचालन और उपस्थिति रिपोर्टिंग में गंभीर गड़बड़ी है।

 

लगातार गलत उपस्थिति रिपोर्टिंग का मामला

डीपीओ महताब रहमानी द्वारा जारी पत्र के अनुसार, विद्यालय में दो दिसंबर से 12 दिसंबर तक लगातार 350 से अधिक छात्रों की उपस्थिति दर्ज की गई थी। यह आंकड़ा वास्तविक उपस्थिति से काफी अधिक है।

 

रिपोर्ट की गई उपस्थिति का विवरण

  • 02 दिसंबर: 365
  • 03 दिसंबर: 368
  • 06 दिसंबर: 381
  • 12 दिसंबर: 352

आशंका है कि प्रधानाध्यापक द्वारा फर्जी हाजिरी दिखाकर मध्याह्न भोजन योजना के तहत सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है।

 

प्रधानाध्यापक से जवाब तलब

प्रधानाध्यापक से स्पष्टीकरण मांगा गया है। उनसे तीन माह की दैनिक व्यय पंजी, चखना पंजी और अन्य संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। डीपीओ ने कहा कि अगर प्रधानाध्यापक का जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो मध्याह्न भोजन योजना की राशि की रिकवरी की जाएगी। इसके साथ ही, इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ) को भी भेजी गई है। डीईओ के स्तर से विभागीय कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।

 

विद्यालय में बुनियादी सुविधाओं की कमी

निरीक्षण के दौरान पाया गया कि विद्यालय में न केवल एमडीएम का ससमय संचालन नहीं हो रहा है, बल्कि छात्रों के बैठने के लिए दरी या चटाई जैसी मूलभूत सुविधाओं का भी अभाव है। यह स्थिति विद्यालय प्रबंधन की लापरवाही को उजागर करती है। गौरतलब है कि इस घटना ने मध्याह्न भोजन योजना की पारदर्शिता और इसकी निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शिक्षा विभाग ने इस गड़बड़ी को गंभीरता से लेते हुए समयबद्ध कार्रवाई की बात कही है।

 

स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों और अभिभावकों का कहना है कि इस तरह की अनियमितताएं बच्चों के पोषण और शिक्षा दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। वे मांग कर रहे हैं कि दोषी प्रधानाध्यापक और अन्य संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

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