Bihar News: एक को बचाने में तीन अन्य गंगा में समाए, 2 सगे समेत चार भाइयों की मौत से कोहराम
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बाढ़ के सहनौरा गांव के सामने गंगा नदी में डूबने से एक ही परिवार के चार बच्चों की मौत हो गई। इनमें दो सहोदर भाई भी शामिल हैं। तीन सहनौरा गांव, जबकि एक समस्तीपुर जिले के चमथा गांव का रहने वाला था। रविवार की इस घटना से गांव में कोहराम मच गया। सैकड़ों लोग घटनास्थल पर पहुंचकर गंगा नदी में खोजबीन शुरू की, जिसके बाद चारों शव बरामद हो गया। सभी को बाढ़ अनुमंडल अस्पताल लाया गया, जहां पर डॉक्टर ने सभी को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद नाराज ग्रामीणों ने मुआवजा के लिए गांव के पास हंगामा किया।
सहनौरा गांव निवासी रजनीश और शशिबिंदु एनटीपीसी परियोजना में काम करते हैं। उनके घर के चारों बच्चे सुदर्शन कुमार (16 वर्ष), आदित्य सिंह (11 वर्ष), अनुज सिंह (10 वर्ष) तथा रवि कुमार (18 वर्ष) रविवार दोपहर खेलने के बहाने घर से गंगा नदी की ओर गए। सहसौरा से गंगा नदी चार किलोमीटर दूर है। खेलने के बाद सभी गंगा में नहाने चले गए। इसी दौरान एक बच्चा गहरे पानी में डूबने लगा। उसे बचाने के चक्कर में दो अन्य भी डूबने लगे। इसके बाद सुदर्शन ने घर पर फोन कर घटना की जानकारी दी और तीनों को बचाने के लिए गंगा में कूद गया। इस दौरान सुदर्शन भी डूब गया। इसकी सूचना मिलते ही सैकड़ों लोग घटनास्थल पर पहुंचे और उन चारों की खोजबीन शुरू की गई। तीन बच्चों का शव गंगा में उतराता मिला, जबकि एक शव को ग्रामीण और पुलिस की मदद से जाल के सहारे बाहर निकला गया। चारों को बाढ़ अनुमंडल अस्पताल लाया गया। एनटीपीसी पुलिस ने अनुमंडल अस्पताल में चारों शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया।
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आदित्य और अनुज थे सहोदर भाई
आदित्य सिंह और अनुज सिंह सहोदर भाई थे, जबकि सुदर्शन उनका चचेरा भाई था। रवि कुमार उन तीनों का फुफेरा भाई था, जो समस्तीपुर जिले के चमथा का रहने वाला था और ननिहाल में ही रहता था। रजनीश सिंह के दो बेटों और उनके भाई शशिबिंदु सिंह के एक बेटे समेत चार बच्चों की मौत के बाद गांव मातम छा गया। सुदर्शन फिलहाल कोटा में इंजीनियरिंग की कोचिंग कर रहा था, जबकि आदित्य और अनुज मिडिल स्कूल के छात्र थे।
गंगा किनारे हो गए हैं गहरे गड्ढे
राजद नेता मिथिलेश यादव ने मृतक परिवार के परिजनों को मुआवजा देने की मांग की है। साथ ही ढीबर पंचायत के गंगा किनारे के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कायम करने की भी बात कही है। ग्रामीणों का कहना है कि थर्मल परियोजना द्वारा गंगा नदी से पानी की निकासी इस इलाके से बड़े पैमाने पर की जाती है। इसके कारण ढीबर पंचायत के कई क्षेत्र में गंगा नदी के किनारे गहरे गड्ढे हो गए हैं जो लगातार असुरक्षित साबित हो रहे हैं।