Bihar News: आखिर तीस साल बाद मिला न्याय, हत्या मामले में तीन लोगों को उम्रकैद; जानें मामला


व्यवहार न्यायालय औरंगाबाद
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औरंगाबाद जिले में एक पुराने हत्या मामले में तीस साल बाद न्याय मिला है। औरंगाबाद के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे)-4 आनंद भूषण की अदालत ने बुधवार को तीन आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई। इस मामले में आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत हत्या के आरोप में आजीवन कारावास और 20,000 रुपये के जुर्माने की सजा दी गई है।
साथ ही जुर्माना न देने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास का प्रावधान भी कोर्ट ने किया है। इसके अतिरिक्त, तीनों आरोपियों को 27 आर्म्स एक्ट के तहत पांच साल के कारावास और पांच हजार रुपये के जुर्माने की सजा भी दी गई है। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।
जमीन विवाद में की गई थी हत्या
जानकारी के मुताबिक, यह मामला 25 अक्तूबर 1994 का है, जब ओबरा थानाक्षेत्र के रामपुर निवासी जनार्दन यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के भाई रामचंद्र सिंह ने ओबरा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें कहा गया था कि जमीन विवाद के चलते जनार्दन यादव को भरूब मोड़ और रामपुर के बीच गोली मार दी गई थी। पुलिस ने घटनास्थल से एक जिंदा कारतूस और दो खोखे बरामद किए थे।
यह रहा अदालत का फैसला
अदालत ने लंबी सुनवाई के बाद 14 नवंबर को तीन आरोपियों रामपुर निवासी रामाशीष सिंह, रामदेव सिंह और जगदीश सिंह को दोषी ठहराया। अदालत ने तीनों को हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके अलावा, इन आरोपियों को आर्म्स एक्ट के तहत पांच साल की सजा भी दी गई।
न्यायाधीश ने लिखा पत्र
अदालत के न्यायाधीश ने इस मामले के बाद पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार को पत्र लिखा है, ताकि उन्हें उचित मुआवजा और प्रतिकर मिल सके। गौरतलब है कि यह मामला एक लंबी कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा था, जिसमें पीड़ित परिवार को तीस साल बाद न्याय मिला। इस निर्णय ने न केवल हत्या के आरोपी को सजा दिलाई, बल्कि यह इस बात का प्रतीक है कि न्याय देर से ही सही, पर मिलता है।