Published On: Thu, Dec 5th, 2024

Bihar News: अपनी कई मांगों को लेकर कलम बंद हड़ताल पर रहे कृषि विज्ञान केंद्र के कर्मी, जानें क्या है मांग


Bihar Employees of Krishi Vigyan Kendra were on pen down strike in Saharsa over their many demands

कलम बंद हड़ताल करते हुए कर्मी
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


सत्तर कटैया प्रखंड क्षेत्र में अगवानपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के सभी वैज्ञानिक और कर्मचारीगण एक दिवसीय कलम बंद हड़ताल पर रहे। कर्मियों ने आक्रोश जताते हुए बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के पक्षपात पूर्ण व्यवहार से प्रभावित होकर भारतवर्ष के गैर आईसीएआर के अंतर्गत कार्य करने वाले कृषि विज्ञान केंद्रों के राष्ट्रीय फॉर्म के आह्वान पर एवं बिहार कृषि विज्ञान केंद्र कर्मचारी संघ के पूर्व सूचना पर गुरुवार को कृषि विज्ञान केंद्र अगवानपुर के सभी वैज्ञानिक एवं कर्मचारीगण एक दिवसीय कलम बंद हड़ताल पर हैं।

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डॉ. मनमोहन सिंह मेहता की अध्यक्षता में गठित समिति के प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर साल 1974 से देश के विभिन्न जिलों में कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना की जाती रही और वर्तमान में पूरे देश में कुल 731 कृषि विज्ञान केंद्र कार्यरत हैं। साल 2011 से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा राज्यों के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्रों के सदस्यों को वेतनमानों में अनापेक्षित तरीके से कटौती की जाने लगी। कृषि विज्ञान केंद्रों में भी दो प्रकार की श्रेणियां गुपचुप तरीके से बनाई जाने लगी।

वर्तमान में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा गैर आईसीआर कृषि विज्ञान केंद्रों के कर्मियों की सुविधाओं में कटौतियों के साथ-साथ उनके पेंशन, ग्रेच्युटी एवं चिकित्सा भत्ते में भी कटौतियां हेतु बिना आदेश के मनमाने ढंग से बजट दिया जाने लगा। हद तो तब हो गई जब कृषि विज्ञान केंद्रों के कुछ सदस्यों को उनके मेजबान विश्वविद्यालयों द्वारा जबरदस्ती लिए गए निर्णयों के खिलाफ न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। न्यायालय में हार के बावजूद भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद न्यायालय की शरण में कर्मचारियों के विरुद्ध पहुंच गई। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की न्यायालय से हार के बावजूद परिषद द्वारा गैर आईसीएआर कृषि विज्ञान केंद्रों के कर्मियों के प्रति लाल फ़ीताशाही जारी है।

परिषद की गोपनीय तौर पर योजना चल रही थी कि गैर आईसीएआर केविके के कर्मियों को चिकित्सा भत्ता एवं अन्य भविष्य निधि के तहत प्राप्त राशियों की सुविधाओं से भी वंचित कर दिया जाए। परिषद के एक पदाधिकारी के एक पत्र के माध्यम से गैर आईसीएआर कृषि विज्ञान केंद्रों के कर्मियों को अस्थाई घोषित करने जैसे तथ्यहीन पत्र निकाले गए। सदस्यों द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद एवं विश्वविद्यालय प्रशासन से अपील है कि समान कार्य समान वेतन के तहत आईसीएआर एवं गैर आईसीएआर कृषि विज्ञान केंद्रों में भेद नहीं किया जाए तथा गैर आईसीएआर कृषि विज्ञान केंद्रों के सभी कर्मियों को आईसीएआर के तहत सभी सुविधाएं वेतन आदि प्राप्त हो।

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