Bihar Flood: 25 करोड़ की लागत से तीन महीने पहले पूरा हुआ कटावरोधी कार्य, अब धंस रहा; तटबंध पर खतरा गंभीर


तटबंध के पास धंसा हुआ कटावरोधी कार्य
– फोटो : अमर उजाला
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बेतिया में तीन महीने पहले पूरा हुआ कटावरोधी कार्य अब धंसने लगा है, जिससे तटबंध पर गंभीर खतरा बना हुआ है। मामला बगहा पुलिस जिले के बगहा स्थित पिपरा–पिपरासी तटबंध के गदियानी टोला रंगललही की है। जहां 25 करोड़ रुपये की लागत से जल संसाधन विभाग ने कटावरोधी काम किया गया है। इस परियोजना के तहत बनाए गए 65 स्टर्ड में से स्टर्ड संख्या 16 और 17, रविवार की शाम से धंसने लगी है।
जानाकारी के मुताबिक, गदियानी टोला रंगललही में मात्र तीन महीने पहले पूरा हुआ कटावरोधी कार्य अब धंसने लगा है, जिससे तटबंध पर गंभीर खतरा बरकरार है। पीपी तटबंध बड़वानी प्रखंड के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के क्षेत्र को भी गंडक नदी से सुरक्षा देता है। वहीं, कटावरोधी हुआ काम धंसने से ग्रामीणों में आक्रोश है। आक्रोशित ग्रामीण फूल मोहम्मद गद्दी, गुड्डू तुरहा, राजेंद्र चौहान, राजेश गद्दी, बीरेंद्र यादव और रमाशंकर पाण्डेय सहित अन्य लोगों ने बताया कि स्टर्ड का धंसना भविष्य में बड़े खतरे का संकेत है।
ग्रामीणों ने कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए कहा कि करोड़ों रुपये की लागत से किए गए इस काम में बड़ी अनियमितता बरती गई है। इस वजह से मात्र तीन महीने में ही यह धंसने लगा है। इसी से अनुमान लगाया जा सकता है कि कितने दिन तक यह कटावरोधी कार्य टिक पाएगा। आक्रोशित ग्रामीणों ने बताया कि गंडक नदी के दबाव को देखते हुए पिछले साल इस स्थान पर रिहंट कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, बीरपुर ने बोल्डर वर्क और स्टर्ड निर्माण का काम किया था।
इधर, कुछ दिन पहले गंडक नदी में चार लाख 40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। उसके बाद निचले क्षेत्रों में बाढ़ जैसे हालात बन गए, जिससे बगहा और आसपास के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। बाढ़ के कारण न केवल लोगों के घर पानी में डूब गए हैं, बल्कि उनकी रोजमर्रा की जिंदगी भी ठप हो गई है।
वहीं, जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता रवि कुमार ठकुराइन ने कहा कि स्टर्ड संख्या 16 और 17 का अंतिम लेयर बचा हुआ है, और नदी का पानी बैक रोलिंग कर रहा है।