Bihar Drug Addiction: नशे की गिरफ्त में पड़ नाश हो रहा ‘देश का भविष्य’, बच्चों ने कई जगहों को बनाया हॉटस्पॉट
स्कूली बच्चों के नशे का आदी बनना चिंता का विषय
– फोटो : अमर उजाला
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मोतिहारी के सुगौली नगर सहित प्रखंड के पंचायतों में स्कूली बच्चे तेजी से नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। कई जगह इनका हॉटस्पॉट है, जहां जमावड़ा लगाकर ये लोग नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं। गांजा, स्मैक और नशे की सूई लेते हैं। इस कारण आम आदमी यह सब देखते हुए भी नजरें घुमा लेता है, क्योंकि कुछ कहने पर ये लड़के हिंसक हो जाते हैं। यह घटनाक्रम अभिभावकों की चिंता बढ़ा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, सुगौली नगर के कई पुल-पुलियों के नीचे बने हॉटस्पॉट पर नशीली सुई, खाली शीशियां, प्लास्टिक के रैपर आदि बिखरे मिले। बताया जा रहा है कि सुगौली सिकरहना नदी के पुल के नीचे नशे के तलबगारों का अड्डा लगता है। वही सिकरहना नदी से सटे चाय की दुकानों पर नशा के कारोबार खूब फलता-फूलता है। यहां ये युवक गांजा और चरस सहित स्मैक तथा हेरोइन का नशा भी करते हैं। अल्यूमनियम की पतली चादर पर पाउडर रखकर उसे जलाकर सूंघते हैं। जला हुए कागज और पॉलीथिन वहीं छोड़कर चले जाते हैं।
बताया जा रहा है कि युवकों को सिकरहना घाट के दुकानदार अपने यहां बैठा कर नशा करवाते हैं, जिससे वहां रोज नशेड़ियों का जमवाड़ा लगा रहता है। वही, नशेड़ी सुनसान पड़े घरों पर सबसे ज्यादा अपना अड्डा बनाते हैं। शाम के समय खाली हुए स्कूल को नशे का अड्डा बनाते हैं। बताया जा रहा है कि नशा करने वालों में दस से बीस साल के लड़के होते हैं, जिनमें स्कूल के बच्चे ज्यादा शामिल हो रहे हैं। वे नशे के पैसे का जुगाड़ करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते है।
जानकारी के मुताबिक, नशे की लत इस कदर बढ़ती जा रही है कि युवा ही नहीं बल्कि अब खेलने-कूदने और कम उम्र के पढ़ने वाले बच्चे भी इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। दवा की दुकान से लेकर बाजार में आसानी से उन्हें नशे के साधन उपलब्ध भी हो जा रहे हैं। किसी को गांजे का नशा भाता है तो कोई सिगरेट के धुएं में खो जाता है। वहीं, कोई फेविकोल या कोई भी अल्कोहलिक सामग्री से नशा करता है। इनमें भीख मांगने वाले बच्चे भी शामिल हैं। झोपड़ी में रहने वाले गरीब बच्चे बोनफिक्स खरीदकर नशे के रुप में सेवन करते हैं।
इस मामले को लेकर अमर उजाला ने बच्चों के डॉक्टर श्रवण कुमार से बात की। उन्होंने बताया कि छोटी उम्र के बच्चों का नशे का आदी होना बहुत चिंतनीय और गंभीर विषय है। इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले दिनों में बच्चों पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।