गया जिले के बेलागंज में एक सभा के दौरान केंद्रीय मंत्री और हम पार्टी के नेता जीतन राम मांझी ने राजद और उसके नेताओं पर जमकर हमला बोला। इस दौरान उन्होंने ओसामा शहाब द्वारा एक युवक की पिटाई किए जाने पर भी प्रतिक्रिया दी। मांझी ने कहा कि राजद पार्टी अब निराशा और हताशा का शिकार हो गई है। उनका मानना है कि राजद को अगले चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ेगा और वह हार को पचा नहीं पा रहे हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके पार्टी के कार्यकर्ताओं के वाहन पर पथराव किया गया था। राजद शांति भंग करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इससे उन्हें कोई फायदा नहीं होने वाला है।
तेजस्वी यादव पर कसा तंज
मांझी ने तेजस्वी यादव के हालिया बयान पर भी पलटवार किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब यादव को भैंस नहीं पटक सकी तो भाजपा क्या करेगी। इस पर मांझी ने जवाब दिया कि यह गंवारी भाषा है। भैंस को पटकने का क्या मतलब होता है, इमामगंज में तो हम लोगों ने पहले ही उन लोगों को पटका है। 2015, 2020 और 2024 में भी पटका जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह की बातें करने से कुछ नहीं होगा, क्योंकि इमामगंज में शांति कायम है और सभी वर्गों के लोग अब खुश हैं।
‘इमामगंज की शांति और विकास पर जोर’
मांझी ने इमामगंज क्षेत्र में शांति और विकास की सराहना करते हुए कहा कि वहां यादव और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग भाजपा को वोट दे रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यादव जाति और मुस्लिम जाति के लोग भी वोट दे रहे हैं। सोच रहे हैं कि नौ महीना के जीत रहे हैं तो क्या करेगा। दीपा मांझी अभी नई है, लेकिन उसका बाप केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी है, उसका शौहर राज्य का मंत्री और उसकी मां विधायक है। इतने गारंटर हैं कि जो भी काम यहां का बचा है, वह तीनों मिलकर कर देंगे। यही कारण है कि सभी लोग वोट दे रहे हैं।
तेजस्वी के मुख्यमंत्री बनने की क्षमता पर उठाया सवाल
मांझी ने तेजस्वी यादव के 17 महीने के कार्यकाल पर भी सवाल उठाया और कहा कि क्या वह मुख्यमंत्री थे? बिहार के मुख्यमंत्री का क्या काम होता है, यह तेजस्वी को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता अब समझ चुकी है कि तेजस्वी केवल मूर्खता की बातें कर रहे हैं।
इमामगंज को जिला बनाने की मांग
मांझी ने इमामगंज को एक जिला बनाने की मांग का भी समर्थन किया। उनका कहना है कि बिहार के शिवहर जैसे छोटे जिले को जिला बना दिया गया तो इमामगंज क्यों नहीं बन सकता, जहां 5-6 प्रखंड हैं। उन्होंने इस मांग को नीतीश कुमार के सामने भी रखा है।
वक्फ बिल पर प्रतिक्रिया
वक्फ संशोधन बिल पर मांझी ने कहा कि यह मुद्दा संसद में सर्वदलीय विचार-विमर्श से हल होगा। उन्होंने कहा कि जब यह मामला जेपीसी के पास जाएगा तो उसका जो निर्णय होगा, उसे स्वीकार किया जाएगा। फिलहाल विरोध और समर्थन की बात करना अभी जल्दबाजी होगी।