Bihar Bypolls: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने शायरी के जरिए BJP और जन सुराज पर कसा तंज, वक्फ संशोधन बिल भी बोले


चुनावी कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी
– फोटो : अमर उजाला
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बिहार विधानसभा उपचुनाव के आखिरी दौर में प्रचार चल रहा है। इसी सिलसिले में दौरान कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने राजद प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह के समर्थन में एक सभा की। इस दौरान उन्होंने शेरो-शायरी के जरिए भाजपा, जन सुराज और अन्य राजनीतिक दलों पर जोरदार तंज कसा। बेलागंज विधानसभा क्षेत्र में मुस्लिम बहुल गांव बाड़ा में आयोजित सभा में इमरान प्रतापगढ़ी ने भाजपा और जदयू को आड़े हाथों लेते हुए कई कविताएं पढ़ीं, जिन्हें सुनकर सभा में मौजूद लोग तालियां बजाने से नहीं रोक सके।
भाजपा पर शायरी के माध्यम से तंज
इमरान प्रतापगढ़ी ने भाजपा नेताओं के विवादित बयानों पर शेरो-शायरी के जरिए हमला बोला। उन्होंने कहा कि मोहब्बत भाईचारे के दीवाने दिन ही लौटा दो, वो सस्ती दाल सब्जी के सुहाने दिन ही लौटा दो। यह शायरी भाजपा की ‘बंटोगे तो कटोगे’ की सोच पर प्रतिक्रिया थी और उन्होंने इसे नफरत फैलाने की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा का नारा ‘बंटोगे तो कटोगे’ मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने की एक साजिश है, जबकि देश को एकता और भाईचारे की आवश्यकता है।
राजद के लिए वोट की अपील
इमरान प्रतापगढ़ी ने यह भी कहा कि लोग सिर्फ राजद प्रत्याशी को वोट नहीं दे रहे हैं, बल्कि राहुल गांधी की मुहिम और उनके नारे ‘नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान’ को भी मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इस उपचुनाव में वोट केवल किसी एक व्यक्ति को नहीं दिया जा रहा, बल्कि यह वोट सेकुलरिज्म और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत को मजबूत करने के लिए दिया जा रहा है।
प्रशांत किशोर पर तंज
इमरान प्रतापगढ़ी ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि अगर प्रशांत किशोर को लगता है कि उनकी पार्टी का चुनावी चिन्ह बस्ता (स्कूल बैग) है, तो यह उनकी गलतफहमी है। उन्होंने कहा कि अगर वह बस्ता किताबों वाला होता, तो 2014 में ही नरेंद्र मोदी की डिग्री चेक कर लेते। प्रतापगढ़ी ने इस पर भी टिप्पणी की कि प्रशांत किशोर का टेंट 13 नवंबर को उखाड़ दिया जाएगा, जब उपचुनाव के परिणाम आएंगे।
वक्फ संशोधन बिल पर यह कह दिया
वक्फ संशोधन बिल का मुद्दा भी इमरान प्रतापगढ़ी के भाषण में प्रमुख रहा। उन्होंने नीतीश कुमार और उनकी पार्टी की आलोचना करते हुए कहा कि जब यह बिल संसद में पेश हो रहा था, तब नीतीश कुमार की पार्टी इस बिल के समर्थन में खड़ी थी। वहीं, डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव और अन्य धर्मनिरपेक्ष नेताओं ने इस बिल के खिलाफ आवाज उठाई। इमरान प्रतापगढ़ी ने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे उन पार्टियों के खिलाफ खड़े हों, जो वक्फ संशोधन बिल का समर्थन कर रही हैं।