Bihar Bridge Collapse : बूंद की धार तेज हुई तो पुल गिर जाएगा; किशनगंज में पुल धंसने का चौंकाने वाला कारण मिला
किशनगंज जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर यह पुल पश्चिम बंगाल से दो किलोमीटर ही दूर है।
– फोटो : अमर उजाला डिजिटल
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अररिया-सिलीगुड़ी हाइवे पर पश्चिम बंगाल-बिहार जीरो प्वाइंट सीमा से कुछ किलोमीटर पहले जब हम एक ग्रामीण रास्ते पर निकले तो हमें न तो प्रधानमंत्री और न ही मुख्यमंत्री के नाम पर बनाई सड़कें दिखीं। किशनगंज जिले के पथरिया पंचायत में हमें वह रास्ते दिखते गए, जो बताते हों कि कभी यहां सड़क बनाई गई होगी। बीच-बीच में पिच रोड के निशान मिल रहे थे तो जगह-जगह पर पानी से भरे गड्ढे। इस रास्ते पर हम इतना अंदर जरूर गए कि हमें एहसास हो, वह पुल इतना महत्वपूर्ण नहीं कि हम या कोई इसे देखने पहुंचे। रास्ते में बांग्ला और नेपाली मिश्रित हिंदी बोलने वालों से बात हुई। चाय के बागान दिखे। अनानास के पौधे भी। लेकिन, हम खोज रहे थे खुशी डांगी या खोशी डांगी। आखिरकार एक जगह जाकर बोर्ड दिखा- खोशी डांगी शून्य किलोमीटर। जैसे ही बोर्ड दिखा, बायीं तरफ खोड़ीबाड़ी (दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल) का रास्ता भी दिखा और रास्ता रोकने के लिए बांस-बल्लियां भी। इन बांस-बल्लियों से खोशी डांगी पुल पर आवागमन रोका गया है। यह वही पुल है, जो धंसने के कारण पिछले महीने के अंत में सुर्खियों में रहने के बाद भुला दिया गया था।
बलुआही मिट्टी में सीमेंट डालकर बना पुल गिर चुका