Bihar: ‘समाज को महिलाएं चलाती हैं, लेकिन उन्हें नहीं मिल रही भागीदारी’; महिला संवाद कार्यक्रम में बोले राहुल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को गया जिले के कंडी नवादा स्थित एक रिसॉर्ट में आयोजित ‘महिला संवाद कार्यक्रम’ के दौरान कहा कि समाज की असली रीढ़ महिलाएं हैं, लेकिन उन्हें देश के सिस्टम में अपेक्षित भागीदारी नहीं मिल पा रही है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि यह बदले, महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ें और उन्हें पूरा हक मिले। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सोच है कि महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाए।
इसी सोच के तहत कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में यह वादा किया है कि बिहार की गरीब महिलाओं को हर महीने 2,500 सीधे उनके बैंक खातों में दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे महिलाएं अपने परिवार की जरूरतों को बेहतर ढंग से पूरा कर पाएंगी। उन्होंने कहा कि हमारी न्याय योजना में भी यही सोच थी कि हर साल एक लाख रुपये महिला के खाते में दिया जाए। लेकिन अब हम साफ तौर पर कह रहे हैं कि कांग्रेस सरकार बनने पर हर महीने ढाई हजार रुपये मिलेंगे।
‘देश दो हिस्सों में बंट रहा है’
राहुल गांधी ने आर्थिक असमानता का मुद्दा उठाते हुए कहा कि एक तरफ देश में आम लोग हैं, जो बच्चों की पढ़ाई, इलाज, महंगाई और बेरोजगारी से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अडाणी-अंबानी जैसे उद्योगपतियों को हजारों करोड़ के कर्ज माफ हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि देश में दो भारत बनते जा रहे है। एक अमीरों का और दूसरा गरीबों का। हम ऐसा भारत नहीं चाहते। हम ऐसा देश चाहते हैं जिसमें सबको समान अवसर मिले।
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‘सरकारी स्कूल और अस्पताल बेहतर हों’
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस निजीकरण के खिलाफ है और वह चाहती है कि सरकारी स्कूल और अस्पतालों को बेहतर बनाया जाए ताकि गरीब तबके के लोग भी अच्छी शिक्षा और इलाज पा सकें। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सोच दूरदर्शी होती है, वे केवल आज नहीं, बल्कि आने वाले कल की सोचती हैं। इसलिए देश की नीतियों में महिलाओं की भागीदारी बहुत जरूरी है।
महिलाओं ने राहुल गांंधी से की बातचीत
कार्यक्रम में बिहार के विभिन्न जिलों से आईं महिलाओं ने राहुल गांधी के सामने अपनी व्यथा रखी। जिसमें पटना की रिया पासवान ने बताया कि वे पटना के सबसे बड़े स्लम क्षेत्र से आती हैं जहां बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। उन्होंने बताया कि बेरोजगारी, नशा, अपराध सब खुलेआम होता है। इस्कॉन मंदिर के बनने से कोई लाभ नहीं हुआ। रिया को उनके सामाजिक कार्यों के कारण लोग ‘पैड गर्ल’ के नाम से जानते हैं। उन्होंने मांग रखी कि सरकार महिलाओं को सैनिटरी पैड भी उपलब्ध कराए।
वहीं गयाजी की सुषमा देवी ने कहा कि बर्तन धोकर 1200 रुपए महीना कमाती हैं। उन्होंने ने कहा कि 20 साल पहले पति की मौत हो गई, अब एक बेटा भी नहीं रहा। अगर सरकार की तरफ से कोई मदद मिलती तो परिवार को सहारा मिल जाता।” राहुल गांधी ने उन्हें आश्वस्त किया कि कांग्रेस की योजना उनके जैसे परिवारों को राहत देगी।
वहीं वैशाली की सुधा देवी ने कहा कि सुधा देवी ने बताया कि साल भर में मुश्किल से 15-20 दिन ही काम मिलता है, जबकि मनरेगा में 100 दिन की मजदूरी का वादा है। उन्होंने कहा कि मोबाइल ऐप से उपस्थिति दर्ज कराने की व्यवस्था से मजदूरी नहीं मिल पाती, लोकेशन न मिलने पर पेमेंट रुक जाती है। राहुल गांधी ने इसे गंभीर मुद्दा बताते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी का उपयोग लाभ के लिए होना चाहिए, न कि परेशान करने के लिए। सीवान से आई सरिता देवी ने बताया कि वे प्रतिदिन 150 रुपए की दर से काम करती हैं लेकिन उन्हें कोई नियुक्ति पत्र, मातृत्व अवकाश या मेडिकल सुविधा नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस की 2,500 योजना लागू होती है तो इसका इस्तेमाल बच्चों की पढ़ाई में करेंगे। उन्होंने सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी शिक्षा को बढ़ाने की मांग भी रखी।
पटना के ही पुनपुन से महिला बैंड पार्टी की आई महिलाएं ने ने राहुल गांधी का स्वागत बैंड बजाकर किया और अपनी संघर्षगाथा साझा की। उन्होंने बताया कि किस तरह समाज के तानों और विरोधों के बावजूद उन्होंने बैंड बजाना सीखा। अब वे शादी-विवाह में बैंड बजाकर पैसे कमाती हैं और अपने बच्चों को पढ़ा रही हैं। उन्होंने कहा, “अगर ढाई हजार रुपये महीने मिलेंगे तो कर्ज नहीं लेना पड़ेगा।”