Bihar: सड़क जाम कर सामूहिक आत्मदाह करने जा रहे सात लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया, तीन विधवाएं भी शामिल
पुलिस ने आत्महत्या करने जा रहे सात लोगों को हिरासत में लिया
– फोटो : अमर उजाला
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गोपालगंज जिले में भोरे विजयीपुर मुख्य सड़क को जाम कर सामूहिक आत्महत्या करने जा रहे एक परिवार के सात लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें तीन महिलाएं, एक बुजुर्ग और तीन युवक शामिल हैं।
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दरअसल, मंगलवार की सुबह विजयीपुर थाना क्षेत्र के विजयीपुर भोरे मेन रोड पर बनकटा गांव के पास गांव के ही एक परिवार के सात लोगों ने बैठकर रास्ता जाम कर दिया। जाम करने वाले सदस्यों में बनकटा गांव के विरेश राय, रवि सिंह, सत्या सिंह, नरेंद्र सिंह और महिलाओं में रीता कुंवर, मंजू कुंवर तथा मोमील कुंवर शामिल हैं। इन लोगों ने विजयीपुर पुलिस प्रशासन से लेकर एसडीओ, एसपी, डीएम की ओर से जमीन विवाद में सुनवाई न किए जाने से खफा होकर आत्महत्या करने का निर्णय ले लिया। सभी सदस्य मंगलवार की सुबह से ही रोड जाम कर अपने कपड़ों में डीजल उड़ेल कर आत्महत्या करने जा रहे थे। तभी सूचना पाकर मौके पर पहुंची विजयीपुर पुलिस ने सभी को हिरासत में लेकर थाने ले गई।
पुलिस का कहना है कि बिना सूचना दिए उपरोक्त सभी लोगों ने सड़क जाम कर कानून को अपने हाथ में ले लिया। साथ ही ये लोग ज्वलनशील तेल अपने ऊपर उड़ेल कर आग लगाकर आत्महत्या करने की फिराक में थे। जैसे ही सूचना मिली धरने पर बैठे सभी सात सदस्यों को हिरासत में ले लिया गया है। इसकी सूचना वरीय पदाधिकारियों को दे दी गई है। तब तक इन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। ऊपर से सूचना मिलते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
इधर, हिरासत में लिए गए विरेश राय और रवि सिंह ने बताया कि पूर्वजों ने हिस्से में जमीन का बंटवारा कर दिया था। बंटवारे में दोनों पक्षों को बराबर-बराबर जमीन मिली, जिसके अनुसार हम लोगों को रोड के पास 13 कट्ठा नौ धुर जमीन मिली है। इसमें हम लोगों की मकान मय सहन तथा पीछे खेती योग्य जमीन है। इसके बदले पड़ोसी गजेंद्र राय वगैरह को भी इतनी ही जमीन हिस्से में मिली है, जो दूसरी ओर है। उसमें वे लोग भी काबिज हैं। कुछ दिनों पूर्व दबंगई के बल पर विरोधी पक्ष मेरी ढाई कट्ठा जमीन किसी अन्य से लिखा कर जबरदस्ती कब्जा करना चाहता है।
उन्होंने बताया कि उक्त मामले में एक वाद गोपालगंज सब जज के न्यायालय में लगभग 20 वर्ष चला। 2018 में उक्त मामला हमारे परिवार के पक्ष में गया। अब विरोधी बल, ऊंची पहुंच और पैसे के बल पर जमीन हड़पना चाहते हैं। इसके लिए हम थाने से लेकर जिलाधिकारी के न्यायालय तक गुहार लगाकर थक चुके हैं। कहीं से सुनवाई न होते देख हम सभी सदस्यों ने प्रशासन को आगाह करते हुए आत्महत्या करने का निर्णय ले लिया। इसलिए आज हम लोग आत्महत्या करने जा रहे थे कि विरोधियों की शिकायत पर पुलिस ने हम लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।