Published On: Wed, Dec 11th, 2024

Bihar: शेखपुरा DM पर अपनी जाति वाले को सभापति बनाने वोटों का हेरफेर करने का आरोप, चुनाव आयोग का जांच का आदेश


Sheikhpura: DM Saavan Kumar accused of manipulating votes to make person from his caste chairman Shama Parveen

शिकायतकर्ता शमा परवीन और डीएम सावन कुमार
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


शेखपुरा के जिला निर्वाचन पदाधिकारी (डीएम) सावन कुमार पर गंभीर आरोप लगे हैं। कहा जा रहा है कि उन्होंने नगर पंचायत चेवाड़ा के सभापति चुनाव में वोटों के हेरफेर के जरिए अपने स्वजातीय उम्मीदवार को जीत दिलवाई। इस मामले में एक साल बाद भी जांच पूरी नहीं हो पाई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने अब मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएम सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी को उच्च अधिकारियों से जांच कराने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश राज्य निर्वाचन आयोग के विशेष कार्य पदाधिकारी द्वारा जारी किया गया है।

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चेवाड़ा नगर पंचायत से जुड़ा है मामला

जानकारी के मुताबिक, यह मामला शेखपुरा जिले के चेवाड़ा नगर पंचायत से जुड़ा हुआ है, जहां वर्तमान में लट्टू यादव सभापति हैं। यह चुनाव वर्ष 2023 में हुआ था, जिसमें शमा परवीन ने सभापति पद के लिए चुनाव लड़ा था। शमा लोजपा जिलाध्यक्ष इमाम गजाली की पत्नी हैं। शमा परवीन ने आरोप लगाया था कि चुनाव के दौरान मतगणना में भारी गड़बड़ी की गई और डीएम ने अपने स्वजातीय उम्मीदवार लट्टू यादव को चुनाव जीतने में मदद की।

 

मतगणना में हेरफेर का आरोप

शमा परवीन ने आरोप लगाया कि तत्कालीन डीएम सावन कुमार ने मतगणना के दौरान जानबूझकर वोटों की हेरफेर की, जिससे उनके पक्ष में न आकर लट्टू यादव को जीत मिली। इसके बाद जब शमा परवीन ने पुनः मतगणना की मांग की, तो चेवाड़ा नगर पंचायत की प्रभारी अधिकारी सोनी कुमारी ने उनकी बातों को नकार दिया और उनका विरोध किया। शमा परवीन ने इसके बाद पटना हाई कोर्ट और राज्य निर्वाचन आयोग का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद यह मामला राज्य निर्वाचन आयोग तक पहुंचा।

 

राज्य निर्वाचन आयोग ने उठाया संज्ञान

एक साल बाद भी जब इस मामले की जांच की प्रगति नहीं हो पाई, तो राज्य निर्वाचन आयोग के विशेष कार्य पदाधिकारी ने शेखपुरा के डीएम तथा जिला निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र भेजकर जांच के आदेश दिए। उन्होंने वरीय अधिकारियों से मामले की गहन जांच कराने को कहा और इसकी रिपोर्ट आयोग को जल्द सौंपने का निर्देश दिया। इसके साथ ही प्रमंडलीय आयुक्त मुंगेर को भी इस मामले पर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए पत्र भेजा गया है।

 

जांच की प्रक्रिया पर सवाल

हालांकि इस मामले में एक साल से भी अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक मामले की जांच पूरी नहीं हो पाई है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा अब नए आदेशों के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच जल्द पूरी होगी, जिससे आरोपों की वास्तविकता सामने आ सकेगी।

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