Bihar: मुखिया पति ने प्रेमी युगल और उनके पिता को बंधक बनाकर की मारपीट, रंगदारी मांगी; फिर पुलिस से भी उलझे


पुलिस की गिरफ्त में आरोपी मुखिया पति रवेन मंडल
– फोटो : अमर उजाला
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सुपौल जिले के सदर थानाक्षेत्र के वीणा अंदौली पंचायत में मुखिया के पति रवेन मंडल उर्फ रविभूषण मंडल को रविवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। रवेन पर आरोप है कि उसने प्रेमी युगल और उनके पिता को बंधक बनाकर मारपीट की और दो लाख रुपये की रंगदारी मांगी। इस मामले में पुलिस से भी उलझने का आरोप है। अब इस घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है। पुलिस के मुताबिक, इस वीडियो में वह एक व्यक्ति को पंचायत भवन से मुक्त कराते हुए दिख रहे हैं।
पंचायत भवन में बंद कर मांगी रंगदारी
जानकारी के मुताबिक, यह घटना एक नवंबर की रात की है, जब रवेन ने प्रेमी युगल और उनके पिता को पंचायत भवन में बंद कर दिया और रंगदारी की मांग की। इस पूरे मामले पर दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। सदर थाने में एक प्राथमिकी पुलिस अवर निरीक्षक सुमित भारती के आवेदन पर और दूसरी प्राथमिकी पीड़ित पक्ष की ओर से मरीचा निवासी हरेराम साह की शिकायत पर दर्ज की गई है।
गुस्साए ग्रामीणों ने किया विरोध प्रदर्शन
मुखिया पति की गिरफ्तारी के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने सड़कों पर जाम लगा दिया और पुलिस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने रवेन को फर्जी मामले में फंसाया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उनका कहना था कि जब तक मुखिया पति को बाइज्जत रिहा नहीं किया जाता, वे अपना विरोध जारी रखेंगे। कुछ ग्रामीणों ने तो आमरण अनशन की धमकी भी दी है। वे एसपी से निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की गुहार लगा रहे हैं।
प्राथमिकी में गाली-गलौज और धमकी का आरोप
पुलिस के आवेदन में कहा गया है कि एक नवंबर की रात करीब 2:15 बजे सूचना मिली कि मुखिया पति ने पंचायत भवन में दो लोगों को बंद कर रखा है। इसके बाद पुलिस ने कई बार रवेन से उन्हें मुक्त करने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने नहीं माना। आखिरकार पुलिस ने ताला तोड़कर मरीचा निवासी हरेराम साह और उनके बेटे गोलू कुमार को मुक्त किया। इसके बाद चौकीदार से सूचना मिली कि नथुनी मंडल को भी बंधक बना लिया गया था। पुलिस ने दोबारा पंचायत भवन जाकर उसे भी मुक्त कराया। इस दौरान रवेन ने पुलिस कर्मियों से अपशब्द कहे और धमकी दी।
पार्टी के लोग साथ देने के आरोप
पीड़ित पक्ष के हरेराम साह ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया है कि 31 अक्तूबर को उनका बेटा गोलू अपनी प्रेमिका से मिलने वीणा गया था। जहां ग्रामीणों ने दोनों को पकड़कर मुखिया पति के हवाले कर दिया। रवेन ने दोनों पक्षों से गाली-गलौज की और फिर लड़के को जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद उसने दोनों पक्षों से दो-दो लाख रुपये रंगदारी की मांग की और विरोध करने पर तीनों को बंधक बना लिया। आरोप है कि इस दौरान 40-50 अन्य लोग भी रवेन का साथ दे रहे थे।
‘मैं तो बाल विवाह रोक रहा था’
मुखिया पति रवेन मंडल ने सभी आरोपों को खारिज किया और दावा किया कि वह बाल विवाह रोकने के लिए पंचायत भवन में लोगों को सुरक्षित रख रहे थे। उन्होंने कहा कि एक नवंबर को उन्हें बाल विवाह की सूचना मिली थी और वे आक्रोशित ग्रामीणों से स्थिति को संभालने के लिए पंचायत भवन में सुरक्षा प्रदान कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने लड़के पक्ष से मिलकर उन्हें फंसाया और इसके बाद बाल विवाह हुआ। रवेन ने यह भी कहा कि उन्होंने पहले छह अक्तूबर को एक मोबाइल चोर को पुलिस के हवाले किया था। लेकिन सदर थानाध्यक्ष ने पैसे लेकर उसे छोड़ दिया और बदला लेने के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की।
ग्रामीणों के सभी आरोप बेबुनियाद
सदर एसडीपीओ आलोक कुमार ने कहा कि आरोपी मुखिया पति के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं और उन्हें गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने ग्रामीणों द्वारा पुलिस पर लगाए गए आरोपों को बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा कि आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की तैयारी की जा रही है। इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस की कार्रवाई और मुखिया पति के खिलाफ आरोपों के बीच ग्रामीणों और पुलिस के बीच तनातनी बनी हुई है।