Published On: Sun, Nov 17th, 2024

Bihar: मरीजों के स्टूल टेस्ट से कई असाध्य रोगों का हो सकता है सफल इलाज, सम्मेलन में डॉक्टरों ने कही यह बातें


Bihar: Doctors' conference at Darbhanga Medical College Hospital; Stute test, research in medical field

डीएमसीएच में डॉक्टरों का सम्मेलन।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मेडिसिन विभाग के डॉक्टरों के चल रहे राज्यस्तरीय सम्मेलन में दूसरे राज्यों से विशेषज्ञों ने नए नए छात्र छत्राओ को मेडिसिन से जुड़े मरीजों के इलाज की नई तकनीकों की जानकारी दे रहे हैं। इस तीन दिनों तक चलने वाले कॉन्फ्रेंस में करीब बिहार सहित अन्य राज्यों से आये करीब सैकड़ों मेडिसिन के डॉक्टर भाग लेकर यहां पढ़ने वाले छात्र छत्राओ को मेडिसिन के तहत इलाज की जानकारी दे रहे है। एसोसिएशन के प्रदेश सचिव डॉ. राजेश कुमार झा ने कहा कि कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मरीजों के इलाज के लिए कई नवीनतम जानकारियां सामने आई हैं जिनसे यहां के अधिकतर चिकित्सक चिकित्सक अनभिज्ञ थे। उन्होंने बताया कि पूर्व में बीमारों के इलाज में यूरिन का रोल सामने आया था। लेकिन, अब स्टूल की भूमिका के संबंध में जानकारी मिलने से लोग स्तब्ध हो गए। उन्होंने बताया कि चेन्नई के एक प्रख्यात चिकित्सक ने ऑनलाइन माध्यम से कई बीमारियों के इलाज में स्टूल की भूमिका की जानकारी दी। यह यहां के लोगों के लिए नवीनतम जानकारी है। सटीक स्टूट टेस्ट से कई असाध्य रोगों का इलाज सफल हो सकता है। 

नहीं चिकित्सकों का भी ज्ञानवर्धन हुआ है

डॉ. यूसी झा के नेतृत्व में चिकित्सक दिन- रात तैयारी में जुट रहे। उन्होंने बताया कि डेंगू, हेपेटाइटिस, डायबिटीज, हृदय रोग आदि के इलाज के संबंध में कई नई जानकारियां सामने आई हैं। सम्मेलन से पीजी छात्रों को भी काफी लाभ पहुंचा है। कई तरह की नई बातें सामने आने से आयोजन का मकसद पूरा हुआ। डॉ. अनिल कुमार मेहता ने बताया कि डॉक्टरों के बीच मरीजों के किये जाने वाले अनुभव का आदान-प्रदान होने से मरीजों को लाभ मिलेगा। साइंटिफिक सेशन के माध्यम से केवल पीजी छात्र ही नहीं चिकित्सकों का भी ज्ञानवर्धन हुआ है। बाहर से आने वाले विशेषज्ञों ने खुले मन से अपनी जानकारी साझा की। 

नई-नई बीमारियां सामने आ रही हैं

उन्होंने कहा कि दिन-प्रतिदिन नई-नई बीमारियां सामने आ रही हैं। इन बीमारियों के इलाज के लिए चिकित्सकों को अपडेट रहना जरूरी है। उन्होंने कहा कि एक-दूसरे का ज्ञानवर्धन करना कॉन्फ्रेंस का मकसद होता है। इस दिशा में कॉन्फ्रेंस काफी सफल रहा। आर्यभट्ट ज्ञान विवि व लनामिवि के पूर्व कुलपति व डीएमसीएच के पूर्व अधीक्षक रहे डॉ. समरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में शोध का काफी महत्व होता है। इस तरह के शोध के जरिए ही नई- नई तकनीक सामने आ सकती हैं। जिसका उपयोग नए नए स्टूडेंट मरीजों के इलाज में करेंगे।

.



Source link

About the Author

-

Leave a comment

XHTML: You can use these html tags: <a href="" title=""> <abbr title=""> <acronym title=""> <b> <blockquote cite=""> <cite> <code> <del datetime=""> <em> <i> <q cite=""> <s> <strike> <strong>