Bihar: बोधगया में कठिन चीवर दान का आयोजन, विभिन्न देशों के श्रद्धालुओं ने बौद्ध भिक्षुओं को अर्पित किया चीवर


बोधगया में आयोजित हुआ कठिन चीवर दान और संघदान कार्यक्रम
– फोटो : अमर उजाला
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ज्ञान की नगरी बोधगया में बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन के तत्वावधान में वर्षावास के बाद कठिन चीवर दान संघदान फेलिसिटेशन सेरेमनी 2024 का आयोजन किया गया। इस आयोजन में भारत सहित अमेरिका, ताइवान, वियतनाम, थाईलैंड और बांग्लादेश से आए बौद्ध श्रद्धालुओं ने पूरे श्रद्धा भाव से बौद्ध भिक्षुओं को चीवर दान किया। इस कार्यक्रम में बौद्ध भिक्षुओं ने शांति और समृद्धि की प्रार्थना की और भगवान बुद्ध के शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए सभी के सुख-शांति की कामना की।
शांति प्रार्थना और बौद्ध भिक्षुओं को दान
कठिन चीवर दान का यह पर्व विशेष महत्व रखता है, जिसे बौद्ध धर्म के अनुयायी वर्षावास के बाद आयोजित करते हैं। इस दौरान बौद्ध भिक्षु अपनी साधना में संलग्न रहते हैं और उनके लिए चीवर दान विशेष रूप से एक पवित्र क्रिया मानी जाती है।
बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मिशन के इंचार्ज भंते आर्य पल ने कार्यक्रम के दौरान बताया कि आज हम सभी बौद्ध धर्म के अनुयायी मिलकर कठिन चीवर दान कर रहे हैं, जो कि बौद्ध भिक्षुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक क्रिया है। इस अवसर पर हम सभी ने शांति के लिए प्रार्थना की है और दुनिया में सुख और शांति की कामना की है। हम कोई युद्ध नहीं, बल्कि शांति चाहते हैं। हमें कोई खून खराबा या लड़ाई नहीं चाहिए।
श्रद्धालुओं की सहभागिता और वीजा समस्याएं
इस कार्यक्रम में विभिन्न देशों के बौद्ध श्रद्धालुओं ने भाग लिया। भंते आर्य पल ने बताया कि इस बार बांग्लादेश से कम श्रद्धालु कार्यक्रम में शामिल हो पाए हैं, क्योंकि भारत द्वारा दिए गए वीजा में काफी सीमाएं थीं। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश से कुछ श्रद्धालुओं ने वीजा प्राप्त करने के लिए बहुत प्रयास किए, लेकिन सिर्फ कुछ ही श्रद्धालुओं को स्वीकृति मिल पाई। बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति में आई गिरावट से बौद्ध समुदाय और अन्य धार्मिक समुदायों को परेशानी हो रही है।
विश्व शांति का संदेश
कार्यक्रम के दौरान विश्व शांति के लिए विशेष रूप से प्रार्थना की गई। भंते आर्य पल ने कहा कि हम सभी शांति के पुजारी हैं। हम अपने धर्म के माध्यम से यह संदेश देना चाहते हैं कि राजनीतिक अस्थिरता या धार्मिक संघर्ष से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता। हम सिर्फ शांति और भाईचारे के लिए प्रार्थना करते हैं। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने न केवल बौद्ध भिक्षुओं को चीवर अर्पित किए, बल्कि बोधगया के ऐतिहासिक स्थल पर पवित्र प्रार्थना भी की, ताकि दुनिया में शांति और सौहार्द बना रहे।