Bihar: फर्जीवाड़े के खिलाफ उठाई आवाज तो चला निलंबन का डंडा, विश्वविद्यालय प्रशासन के रवैये से छात्र नाखुश


एकजुट छात्र
– फोटो : अमर उजाला
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छात्र नेता आकाश सिंह राठौड़ ने कहा कि विश्वविद्यालय में भ्रष्टाचार और अवैध नियुक्तियों को लेकर 2018 से ही सांसद पप्पू यादव और डॉ अरुण कुमार समेत कई लोगो ने आवाज उठायी और उसका परिणाम हुआ कि शिक्षा मंत्रालय ने पहले कुलपति प्रो अरविंद अग्रवाल को हटा दिया, लेकिन प्रो अग्रवाल के कार्यकाल के दौरान हुई फर्जी नियुक्तियों जिनमें गलत प्रमाण -पत्र ,गलत अनुभव प्रमाण-पत्र समेत कई वितीय मामले भी थे। छात्र नेता सिंह ने कहा कि 2019 में भी प्रो और एसोसिएट प्रोफ़ेसर के रूप में नियुक्त कई लोग शामिल हैं। उनकी नियुक्तियों में यूजीसी नियमों के साथ खिलवाड़ किया गया।
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उसी तरीके से 2019 में हुए कैश प्रमोशन में कई लोगों को गलत तरीके से प्रमोशन दिया गया। छात्र नेता ने कहा कि इन लोगों में से एक विषय दिनेश हुड्डा की सेक्शन ऑफिसर पद पर 2017 में हुई नियुक्ति और 2024 में प्रमोशन की गुपचुप प्रक्रिया को लेकर मैंने सोशल मीडिया के माध्यम से सवाल उठाये और अपनी बातों के पक्ष में दिनेश हुड्डा के प्रमाण पत्र समेत अन्य कई जानकारियां साझा की। इससे पहले दिनेश हुड्डा प्रकरण पर सीवीसी समेत कई जगह जांच चल रही है और कहीं भी नाम के अनुसार उनको उनका नाम उल्लेखित करते हुए किसी एजेंसी ने उनको क्लीन चिट नहीं दिया है, ऐसा जानकारी में आया है।
छात्र नेता आकाश सिंह राठौड़ ने कहा कि दिनेश हुड्डा ने अपने यहां के सेक्शन ऑफिसर पद के नियुक्ति के लिए आवेदन फॉर्म में लगभग ढाई सालों तक यूजीसी में कार्यरत होने का दावा किया, परन्तु यूजीसी में इस नाम का कोई व्यक्ति उस अवधि ने LDC पद पर कार्यरत था ही नहीं, क्योंकि यूजीसी में दिये गये अवधि और उससे दो तीन वर्ष पूर्व या बाद में LDC पद पर भर्ती का कोई विज्ञापन निकाला ही नहीं। मीडिया चाहे तो इस बात का तहकीकात यूजीसी के वेबसाइट या यूजीसी में फोन कर सकते हैं। छात्र नेता सिंह ने कहा कि ऐसे में इस प्रकरण को जोड़ शोर से उठाने और पकड़े आरडी जाने की डर से मेरी आवाज बंद करने के लिए एक प्रोक्टोरियल मैनुअल साजिश के तहत बनाया गया जो भारतीय संविधान, नागरिकों के मूल अधिकार समेत विभिन्न कानूनों के विरुद्ध भी है।
छात्र नेता आकाश सिंह राठौड़ के निलंबन पर अपनी प्रतिक्रिया देते डीसी हुए छात्र नेता पुन्नू सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में नियुक्ति में हुई फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर छात्र नेता आकाश सिंह राठौर को विश्वविद्यालय प्रशासन ने विश्वविद्यालय से अगले आदेश तक निलंबित कर दिया है। यह निलंबन आकाश का नहीं बल्कि बिहार और चम्पारण के समस्त छात्रों का निलंबन है।