बिहार की राजधानी पटना और इसके पास स्थित बिहटा क्षेत्र को हवाई यातायात के क्षेत्र में बड़ी सौगात मिलने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 मई को पटना एयरपोर्ट के अत्याधुनिक नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करेंगे और बिहटा हवाई अड्डे पर नए सिविल एन्क्लेव की आधारशिला रखेंगे। कुल 2613 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इन दो महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स से बिहार के हवाई संपर्क को नई मजबूती मिलेगी और यह राज्य के आर्थिक विकास, पर्यटन और व्यापार को नई गति देगा।
पटना, जो गंगा नदी के किनारे बसा ऐतिहासिक नगर है, बिहार की राजधानी है। वहीं बिहटा, पटना से 30 किलोमीटर पश्चिम स्थित एक उभरता हुआ उपग्रह शहर है। बिहार की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को समर्पित इन दोनों हवाई अड्डों के विकास से यहां आने-जाने वाले यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी। साथ ही यह परियोजनाएं राज्य की आर्थिक संरचना में मजबूती लाएंगी।
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पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल की विशेषताएं
1200 करोड़ रुपये की लागत से बने पटना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का क्षेत्रफल 65,150 वर्ग मीटर है। यह भवन एक समय में 3000 यात्रियों (1500 आगमन और 1500 प्रस्थान) की क्षमता रखता है और प्रति वर्ष एक करोड़ यात्रियों को सेवा देने में सक्षम है। टर्मिनल में यात्रियों की सुविधा के लिए 64 चेक-इन काउंटर, नौ ऑटोमैटिक ट्रे रिट्रीवल सिस्टम (ATRS), पांच एरोब्रिज और चार कन्वेयर बेल्ट की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा 11 विमानों की पार्किंग के लिए एप्रन और 1100 कारों की क्षमता वाला मल्टीलेवल कार पार्किंग भी तैयार किया गया है।
बिहटा एयरपोर्ट के सिविल एन्क्लेव का प्रस्तावित विकास
बिहटा हवाई अड्डे पर बनने वाला नया सिविल एन्क्लेव 68,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में प्रस्तावित है, जो 2047 तक प्रति वर्ष 50 लाख यात्रियों और एक समय में 3000 यात्रियों को सेवा देने में सक्षम होगा। इसमें 64 चेक-इन काउंटर, 16 सेल्फ चेक-इन किओस्क, 10 ATRS, पांच एरोब्रिज और छह कन्वेयर बेल्ट की सुविधा दी जाएगी। यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए मल्टीलेवल कार पार्क, सर्विस ब्लॉक जैसे सहायक भवनों का भी निर्माण किया जाएगा।
स्थानीय कला और संस्कृति से प्रेरित डिजाइन
पटना और बिहटा एयरपोर्ट के टर्मिनल भवन की वास्तुकला में बिहार की पारंपरिक स्थापत्य शैली, मिथिला कला और ऐतिहासिक प्रभावों का समावेश किया गया है। साथ ही इन भवनों को ऊर्जा दक्षता और पर्यावरणीय सततता को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इसमें इंसुलेटेड रूफिंग, एलईडी लाइटिंग, ताप नियंत्रण वाली ग्लेजिंग जैसी तकनीकों का उपयोग किया गया है। पटना टर्मिनल के लिए 4-स्टार और बिहटा के लिए 5-स्टार GRIHA रेटिंग का लक्ष्य रखा गया है।
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बिहार को मिलेंगे व्यापक लाभ
इन दोनों परियोजनाओं से पटना और उसके आसपास के क्षेत्रों में व्यापार, पर्यटन और निवेश को नई दिशा मिलेगी। इससे राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य और औद्योगिक क्षेत्रों में नई संभावनाएं उभरेंगी, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और क्षेत्रीय विकास को बल मिलेगा।
हवाई यातायात के इस विस्तार से बिहार न केवल देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय मानचित्र पर भी अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराएगा। यह पहल भारत के ‘विकसित भारत’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। पटना और बिहटा के हवाई अड्डे भविष्य में देश के सबसे महत्वपूर्ण एविएशन हब के रूप में उभर सकते हैं, जिससे भारतीय विमानन क्षेत्र को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में और मजबूती मिलेगी।