मुंगेर जिले के जमालपुर नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत टिकीयापाड़ा मोहल्ले में दो माह की मासूम बच्ची की मौत ने इलाके में सनसनी फैला दी है। मृत बच्ची विश्वकर्मा कुमार की बेटी थी। शुक्रवार को स्थानीय आंगनबाड़ी केंद्र में उसे नियमित टीकाकरण के तहत टीका लगाया गया था, जिसके बाद शनिवार की सुबह उसकी मौत हो गई। इस घटना को लेकर परिजनों में गहरा रोष है और उन्होंने बच्ची की मौत के लिए टीके को जिम्मेदार ठहराया है।
‘टीकाकरण के बाद बच्ची नहीं उठी नींद से’
बच्ची की मां सविता देवी ने बताया कि शुक्रवार को दिन में करीब 12 बजे आंगनबाड़ी सेविका और एएनएम की मौजूदगी में बच्ची को टीका लगाया गया। घर लौटने के बाद बच्ची को दूध पिलाकर सुला दिया गया, लेकिन शनिवार की सुबह जब वह नहीं जागी, तो परिवार में अफरातफरी मच गई। परिजन बच्ची को लेकर तत्काल जमालपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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‘मौत का कारण जहरीले जीव का काटना’
मामले की गंभीरता को देखते हुए पीएचसी के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार सुमन ने तत्काल जांच के आदेश दिए। डॉ. पंकज के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम ने जब बच्ची का परीक्षण किया, तो उसकी कमर के दाहिने ऊपर हिस्से में एक संदिग्ध निशान मिला, जिसे चिकित्सकों ने किसी जहरीले जीव के काटने का संकेत बताया। डॉक्टरों ने यह भी स्पष्ट किया कि जिस टीके की वायल (शीशी) से बच्ची को टीका दिया गया, उसी से चार अन्य बच्चों को भी टीका लगाया गया था और वे सभी पूरी तरह स्वस्थ हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने टीके को बताया सुरक्षित, जांच जारी
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बच्ची की मौत को टीकाकरण से जोड़ने से इनकार कर कहा कि यह एक दुखद घटना है, लेकिन वर्तमान तथ्यों के अनुसार टीका इसका कारण नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि मौत के असली कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही हो सकेगा।
पुलिस ने भी कहा- टीके से नहीं, काटने से हुई मौत
बच्ची की मां सविता देवी ने मामले को लेकर ईस्ट कॉलोनी थाना में आवेदन दिया और टीका लगाने को ही अपनी बच्ची की मौत का कारण बताया। थाना प्रभारी संजीत कुमार ने जब पीएचसी पहुंचकर चिकित्सकों से बातचीत की तो उन्हें भी वही निशान और बच्ची की नाक से निकले खून के धब्बे दिखाए गए। डॉक्टरों ने पुलिस को आश्वस्त किया कि बच्ची की मौत संभवतः किसी जहरीले जीव के काटने से हुई है।
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पोस्टमार्टम से खुलेगा सच, परिजन लौटे शव लेकर
पुलिस ने परिजनों को सलाह दी कि अगर वे चाहें तो प्राथमिकी दर्ज कर शव का पोस्टमार्टम करवा सकते हैं, जिससे मौत के कारणों की पुष्टि हो सके। हालांकि परिजन इस स्थिति में केवल बच्ची का शव लेकर घर लौट गए।