बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के देवरिया थाना क्षेत्र में हुई पुलिसिया बर्बरता के मामले ने तूल पकड़ लिया है। महिलाओं के साथ पुलिस द्वारा की गई पिटाई को लेकर राज्य की सियासत गरमा गई है। इस प्रकरण में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के निर्देश पर राजद के एक प्रतिनिधिमंडल ने शनिवार को पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू की।
राजद के इस प्रतिनिधिमंडल में महुआ से विधायक मुकेश कुमार रौशन, कांटी से विधायक इसराइल मंसूरी, मढ़ौरा से विधायक जितेंद्र राय, पातेपुर की पूर्व विधायक प्रेमा चौधरी, मुजफ्फरपुर जिला अध्यक्ष रमेश कुमार गुप्ता और विधायक संजय गुप्ता शामिल थे। प्रतिनिधिमंडल ने पीड़ित महिलाओं और उनके परिजनों से मुलाकात कर घटनाक्रम की जानकारी ली।
क्या है पूरा मामला?
14 मई को देवरिया थाना क्षेत्र में पुलिस पर आरोप लगा कि उसने एक घर में घुसकर महिलाओं की बेरहमी से पिटाई की। बताया गया कि इस घटना में करीब आधा दर्जन महिलाओं को गंभीर चोटें आईं। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हड़कंप मच गया और विपक्ष ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे को गंभीर बताते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि बिहार में कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। इसके बाद उन्होंने राजद नेताओं की एक टीम को मौके पर भेजने का निर्देश दिया।
विधायक बोले- बिहार में ‘राक्षस राज’ कायम
महुआ से विधायक मुकेश रौशन ने मौके पर कहा कि देवरिया की यह घटना राज्य की कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। जिस तरह पुलिस ने घर में घुसकर महिलाओं के साथ मारपीट की, वह बेहद शर्मनाक है। ऐसा प्रतीत होता है कि बिहार में अब ‘राक्षस राज’ कायम हो चुका है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की पुलिस आम लोगों की सुरक्षा करने के बजाय माफियाओं के साथ मिली हुई है और शराब की तस्करी में लिप्त है। “जिस स्थिति में बिहार पहुंच चुका है, उसमें कोई भी सुरक्षित नहीं है। अब तो घर में बैठे लोगों की भी हत्या हो रही है।
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हम चुप नहीं बैठेंगे, बोले विधायक
मढ़ौरा से विधायक जितेंद्र राय ने भी घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि हमने पीड़ित परिवारों से बातचीत की है। यह मामला बेहद निंदनीय है और हम इसे यूं ही नहीं जाने देंगे। पीड़ितों को न्याय दिलाना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी कहा कि इस गंभीर घटना के बावजूद अब तक किसी भी पुलिस अधिकारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जो सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करता है।
कार्रवाई की मांग
राजद नेताओं ने साफ कहा कि वे इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाएंगे और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करेंगे। उनका कहना है कि सरकार अगर इस मामले में चुप रही, तो राजद सड़क से सदन तक आंदोलन करेगा।