Published On: Wed, Dec 18th, 2024

Bihar: डिप्टी सीएम बोले- प्रमुख शहरों में जल्द स्थापित होंगे मौसम विज्ञान केंद्र, इन दो जिलों में लगेगा रडार


Bihar: Meteorological centers will soon be established in major cities, Purnia Darbhanga radar, weather news

मौसम विभाग पटना की ओर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
– फोटो : अमर उजाला

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जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट पर नए एरोड्रोम मौसम विज्ञान कार्यालय और नई स्थापित स्वचालित मौसम अवलोकन प्रणाली (AWOS) का शुभारंभ हो गया है। इससे विमान सेवा को काफी फायदा मिलेगा। डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने पटना एयरपोर्ट पर इसका उद्घाटन किया। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि राज्य के महत्वपूर्ण शहरों में मौसम विज्ञान केंद्र स्थापित होंगे, जिससे  जनता को मिलेगी सटीक जानकारी। अभी बिहार में केवल पांच नियमित सतहीय वेधशालाएं (पटना, गया, भागलपुर, पूर्णिया, और वाल्मीकिनगर) कार्यरत हैं, लेकिन राज्य सरकार इनकी संख्या बढ़ाने और अन्य शहरों में नई सतहीय वेधशाला- सह- मौसम विज्ञान केंद्र स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है। 

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मौसम की भविष्यवाणी को और अधिक सटीक बनाया जा सकेगा

उन्होंने कहा कि मौसम विज्ञान केंद्रों की संख्या बढने से न केवल राज्य में मौसम की भविष्यवाणी को और अधिक सटीक बनाया जा सकेगा, बल्कि नए रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। राज्य में इन प्रयासों से मौसम विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति होगी और जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी। 2008 में जब नेपाल के रास्ते दो लाख क्यूसेक पानी बिहार की कोसी तथा सहायक नदियों में आया था,तब हम बाढ की तबाही से ध्वस्त हो गए थे। पूरा मिथिला  डूब गया था, लेकिन 2024 में 6.5 लाख क्यूसिक  पानी आने पर भी हम ध्वस्त नहीं हुए। यह मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग के साझा प्रयास से सम्भव हुआ।

मौसम पूर्वानुमान और आपदा प्रबंधन की समग्र व्यवस्था विकसित 

उपमुख्यमंत्री चौधरी ने  कहा कि बिहार में हमारे पास मौसम पूर्वानुमान और आपदा प्रबंधन की एक समग्र व्यवस्था विकसित हो चुकी है, इसलिए अब हम नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र से आने वाली बाढ का बेहतर प्रबंधन कर पाते हैं। कहा कि 100 साल पहले हमारे किसान बादल और हवा का रुख देख कर मौसम का अनुमान लगाते थे लेकिन उपग्रह तकनीक और अन्य प्रणालियों को विकसित कर  आज  हम दुनिया में एक्यूरेट सिस्टम पर आ गए हैं। अब चक्रवात, वर्षा, सर्दी, बर्फवारी, लू-गर्मी आदि की सटीक जानकारी पहले से देकर लोगों की रक्षा की जा रही है।

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