Bihar : चार दिन से लापता छात्रा का क्षत-विक्षत शव बरामद, परिजन ने महिला पुलिस अधिकारी पर लगाये गंभीर आरोप

हमको नहीं मिला एफआई आर, जब मिलेगा न तब देखेंगे। तुमको मिल गया न, आराम से रहो। हमको नहीं दिया है, जब देगा तो देखेंगे। यह कहना है महिला जांच अधिकारी का और मामला है चार दिन से लापता छात्रा की गुमशुदगी का। बिहार पुलिस के अधिकारी का ऐसा सच जिसे देख और सुनकर पुलिस के आला अधिकारी को संज्ञान जरुर लेना चाहिए। मामला भागलपुर जिले के रंगरा थाना क्षेत्र अंतर्गत सधुवा ढाला की है।
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चार दिन से एक 19 साल की छात्रा लापता थी। हालाँकि चौथे दिन उसका शव क्षत-विक्षत हालत में मकई के खेत से बरामद हुआ। घटनास्थल से छात्रा का आधार कार्ड, साइकिल और कुछ शैक्षणिक कागजात भी मिले हैं। अब पुलिस और एफएसएल की टीम भी मामले की जांच-पड़ताल करने की बात कह रही है, लेकिंम पुलिस की लापरवाही की कहानी को जानना भी जरुरी है।
बिहार पुलिस का फॉर्म भरने निकली थी घर से
घटना के संबंध में परिजनों का कहना है कि छात्रा 30 मई को दोपहर एक बजे के करीब घर से निकली थी। उसने घर में यह कहा था कि उसे बिहार पुलिस का ऑनलाइन फॉर्म भरना है जिसके लिए वह कैफे जा रही है। काफी समय बीत जाने के बाद जब वह घर वापस नहीं लौटी तब घर के लोगों ने उसे फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। फिर घर से बाहर हर जगह उसकी खोजबीन की जाने लगी, लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चल पाया।
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चौथे दिन मकई के खेत में मिला शव
परिजनों ने फिर छात्रा के लापता होने की जानकारी स्थानीय थाना को दी। आज घटना के चौथे दिन जब ग्रामीणों को मकई के खेत से दुर्गंध मिली, तब लोगों ने वहां जाकर देखा। खेत के अंदर जाते ही लोग अचंभित रह गये, वहां छात्रा का शव क्षत-विक्षत हालत में पड़ा था। लोगों ने घटना कि जानकारी पुलिस को सूचना दी। सूचना मिलते ही पुलिस भी घ्तान्स्थल पर पहुंची। पुलिस ने बताया कि लड़की के हाथ रस्सी से बंधे थे। इसलिए इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि इसके साथ गलत काम नहीं हुआ। फिलहाल शव को पोस्टमॉर्टम के लिए जवाहर लाल मेडिकल कॉलेज भागलपुर भेज दिया गया है। एफएसएल की टीम भी जांच कर रही है।
पुलिस पर लगाये लापरवाही करने का आरोप
मृतका के पिता ने कहा, ‘मेरा सपना था कि वह पढ़-लिखकर एक अफसर बन सके लेकिन अब वह सपना टूट गया। पता नहीं किसकी नजर लग गई। आज उसकी लाश खेत में मिली है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने कुछ नहीं किया। उसके साथ कुछ दरिंदों ने उसकी इज्जत लूटी और फिर उसकी हत्या कर दी। अगर समय रहते पुलिस ने अपनी तत्परता दिखाई होती, तो शायद आज वह जिंदा होती।
भाई ने सुनाई लापरवाही की कहानी
भाई ने भी कहा कि यह पुलिस की लापरवाही है। उसने थाना से लेकर एसपी कार्यालय तक के लापरवाही की कहानी सुनाई। भाई ने कहा कि 30 मई को उसकी बहन घर से निकली। घर वापस नहीं लौटने पर रात के 1 बजे परिजन थाना पहुंचे तो उन्हें अगले दिन बुलाया गया। अगले दिन 31 मई को परिजन फिर थाना पर गये लेकिन उस दिन भी मामला दर्ज नहीं हुआ। फिर अगले दिन बुलाया और 1 जून को मामला दर्ज किया गया। परिजन शाम में फिर थाना पार्ट पहुंचे और उन्होंने अपनी बहन के मोबाइल का लोकेशन निकालने की गुहार लगायी, लेकिन परिजनों को ऐसा कुछ आश्वासन भी नहीं दिया गया। तब परिजन एसपी कार्यालय पहुंचे और वहां फिर आवेदन दिया। अगले दिन यानी 2 जून को जवब परिजन एसपी कार्यालय पहुंचे तब उन्हें आवेदन यह कहकर लौटा दिया कि डीएसपी के पास जाईये। डीएसपी ने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।अगले दिन परिजन फिर थाना पहुंचे जहां उनकी मुलाक़ात किसी सिपाही से हुई, जिसके द्वारा यह बताया गया कि यह केस थाना में पदस्थापित महिला दारोगा पूजा कुमारी को दिया गया है। फिर परिजन महिला दारोगा पूजा कुमारी से बात की, जिसका जवाब सुनकर परिजन अवाक रह गये।
महिला पुलिस जांच अधिकारी की बातचीत
पुलिस जांच अधिकारी से मृतका के भाई की बातचीत को भी जानिये। यह रिकॉर्डिंग अमर उजाला के पास है।
मृतका का परिजन:- हेलो मेम आरती कुमारी नाम से एक एफआईआर दर्ज किए थे तो क्या हुआ उसका कुछ ?
जांच अधिकारी पूजा :- अरे हमको नहीं पता..पूछो न प्रभारी को वहां, क्या हुआ किसको दिए कोंची हुआ, हमरा से काहे पूछ रहा है ?
परिजन:- वहां बोल रहा है आप ही का नाम की…
जांच अधिकारी पूजा:- हमको नहीं जानकारी है, जाएंगे तब न देखेंगे। देखेंगे तब बताएंगे। हम नहीं है थाना पे। बोलें न हम पटना जा रहे हैं हम, रहेंगे तब न बताएंगे।
परिजन :- हमको नहिये न पता था कि…
जांच अधिकारी पूजा :- तो वही हम बता न दिए कि आएंगे, तब बताएंगे। अब दो दिन बाद आएंगे।
परिजन:- दो दिन बाद।
जांच अधिकारी पूजा :- तब पूछना नहीं तो वहां जो हैं उसको पूछो क्या हुआ ?
परिजन :- वहां गए थे शाम में तो बोला..
जांच अधिकारी पूजा – तो जाके पूछो एफआईआर किसको दिया और कहां है ?
परिजन:- आप ही का नाम बोला।
जांच अधिकारी पूजा :- हमको नहीं मिला है, जब मिलेगा न तब देखेंगे हम। तुमको मिल गया न आराम से रहो। हमको नहीं दिया है, जब देगा तो देखेंगे।
परिजन:- ठीक है।
जांच अधिकारी:- आएंगे तभी न देखेंगे..बताओ ! पटना से देख लेंगे। आएंगे तो देखेंगे।