देश की सीमाओं को पार करते हुए अब मुजफ्फरपुर की प्रसिद्ध शाही लीची अपनी मिठास, खुशबू और गुणवत्ता के साथ गल्फ देशों में भी पहुंचने लगी है। शाही लीची की पहली खेप को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भेजा गया है। इस खेप को नियंत्रित तापमान वाले रेफ्रिजरेटेड शीत वाहन के जरिए लखनऊ एयरपोर्ट के लिए रवाना किया गया, जहां से इसे विदेश रवाना किया गया। इस ऐतिहासिक पहल से मुजफ्फरपुर के किसानों में नई उम्मीद जगी है, जो अब अपनी उपज को अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी देख पा रहे हैं।
राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र ने किया सफल परीक्षण
शाही लीची के सुरक्षित परिवहन और लंबे समय तक ताजगी बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र ने व्यापक प्रयोग और परीक्षण किए हैं। केंद्र के निदेशक डा. विकास दास ने जानकारी दी कि दो वर्षों से लीची को सामान्य तापमान में लंबी दूरी तक सुरक्षित रूप से ले जाने के लिए तकनीकों का परीक्षण चल रहा था। इस बार परीक्षण में विशेष रूप से उद्यान रत्न सम्मानित किसान भोलानाथ झा द्वारा सुझाई गई तकनीक को शामिल किया गया।
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इस तकनीक में लीची के गुच्छों को ग्लूकोज से उपचारित कर ताजगी बनाए रखने की कोशिश की गई, जो बेहद सफल रही। 24 मई 2025 को इस तकनीक से तैयार लीची का एक बैच दिल्ली की दूरी के बराबर की यात्रा पर भेजा गया और लौटने पर पाया गया कि इसकी गुणवत्ता और रस बरकरार रहे। ग्लूकोज तकनीक से लीची की भंडारण क्षमता और रंगत में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला।
किसानों में खुशी की लहर
पहली बार जीआई टैग प्राप्त शाही लीची की खेप विदेश भेजने की प्रक्रिया पूरी की गई है। इसे लेकर किसानों में खासा उत्साह है। इस पूरे प्रयास की अगुवाई कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) वाराणसी द्वारा की जा रही है। लीची उत्पादक संघ, एक्सिम बैंक और बिहार सरकार की संयुक्त भागीदारी में यह पहल साकार हुई है।

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और देशों तक पहुंचेगी मुजफ्फरपुर की मिठास
लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने इस सफलता को किसानों के लिए सुनहरा मौका बताया। उन्होंने कहा कि शीत वाहन के माध्यम से पांच मीट्रिक टन लीची को फिलहाल गल्फ देशों में भेजा जा रहा है और निकट भविष्य में दूसरे देशों में भी लीची का निर्यात किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हाल ही में आयोजित अंतरराष्ट्रीय खरीदार-विक्रेता सम्मेलन (19-20 मई) में बिहार सरकार, एपीडा और व्यापारी समूहों के बीच हुए समझौते के बाद यह निर्यात संभव हो पाया है। शाही लीची को सुरक्षित और नियंत्रित तापमान में पैक कर विदेश भेजा जा रहा है, जिससे इसकी गुणवत्ता बरकरार रह सके। किसान संघ का मानना है कि यह प्रयास न केवल राज्य बल्कि पूरे देश के लिए गौरव की बात है और आने वाले समय में यह मुजफ्फरपुर की अर्थव्यवस्था को नया आयाम देगा।