राज्य के भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री संजय सरावगी ने साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि बिहार में भू-माफिया गिरी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि गड़बड़ करने वाले अधिकारी होशियार हो जाएं, क्योंकि अब जनता को दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ विभाग को पूरी तरह ऑनलाइन किया गया है।
शुक्रवार को मुजफ्फरपुर समाहरणालय सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक में मंत्री सरावगी ने जिले के राजस्व से जुड़े तमाम अधिकारियों के साथ भूमि सर्वे, दाखिल-खारिज (म्यूटेशन), भूमि वितरण और अन्य प्रक्रियाओं की विस्तार से समीक्षा की। इस बैठक में भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव समेत सभी संबंधित अधिकारी मौजूद रहे। करीब तीन घंटे चली बैठक में उन्होंने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जनता की समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए।
मंत्री सरावगी ने कहा, “अगर किसी अधिकारी पर गड़बड़ी की शिकायत मिलती है तो विभाग सख्त कार्रवाई करेगा। विभाग की नज़र हर गतिविधि पर है। पारदर्शिता हमारी प्राथमिकता है।” उन्होंने बताया कि हाल ही में मुजफ्फरपुर के दो डीसीएलआर (पूर्वी और पश्चिमी) के खिलाफ राज्य सरकार ने गड़बड़ी के मामले में कार्रवाई की है। यह कार्रवाई एक स्पष्ट संदेश है कि जो अधिकारी गलत करेंगे, वे बख्शे नहीं जाएंगे, और जो अच्छा करेंगे उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा।
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भू-माफिया पर होगी कड़ी कार्रवाई
मंत्री ने दो टूक कहा कि राज्य सरकार भू-माफियाओं को किसी भी सूरत में संरक्षण नहीं देगी। अगर कोई व्यक्ति रैयत की जमीन पर जबरन कब्जा करता है या उसमें दखल देने की कोशिश करता है, तो सरकार इस पर त्वरित और कठोर कार्रवाई करेगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि भूमि विवाद से जुड़ी समस्याओं का त्वरित निपटारा सुनिश्चित करें।
भूमिहीनों को जमीन देने की दिशा में हो रहा काम
मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार भूमिहीन परिवारों को जमीन आवंटित करने की दिशा में भी तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अंचल अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे ऐसे मामलों में किसी प्रकार की लापरवाही न करें। यदि किसी अधिकारी पर शिकायत मिलती है, तो विभाग उसे गंभीरता से लेगा और सख्त कदम उठाएगा।
ऑनलाइन सेवाओं में आया सुधार
मंत्री ने बताया कि दाखिल-खारिज से लेकर अन्य भूमि से संबंधित सेवाएं अब पूरी तरह ऑनलाइन हो चुकी हैं। इससे कामकाज में पारदर्शिता आई है और लोगों को बार-बार कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। उन्होंने कहा कि विभाग लगातार निगरानी कर रहा है कि ऑनलाइन सेवाएं सही तरीके से काम कर रही हैं या नहीं। अंत में उन्होंने अधिकारियों को चेताया कि जनता की समस्याओं को हल्के में लेना अब महंगा पड़ सकता है। भूमि सुधार विभाग की निगरानी व्यवस्था अब पहले से कहीं अधिक मजबूत हो चुकी है।