Big Innovation: आप चलेंगे तो जूतों से चार्ज होगा मोबाइल! बच्चों के लिए BENGAL के स्टूडेंट का बड़ा इनोवेशन

Last Updated:
West Bengal News : फिलहाल ये स्मार्ट शू सिस्टम बाहरी काम कर रहा है. एक महीने के भीतर सौविक जूते के सोल में ही सभी गैजेट्स फिट करना चाहते हैं. इसके लिए उन्हें जूता बनाने वाली एक कंपनी की जरूरत है, जो उन्हें आर्थ…और पढ़ें

पश्चिम बंगाल के इस स्टूडेंट के इनोवेटिव कारनामे की चर्चा हो रही है.
राही हलदार/हुगली. आप चलते हैं और आपके जूतों से बिजली पैदा होती है. इस बिजली से आप मोबाइल फोन, जीपीएस ट्रेकर या कैमरा वगैरह सब कुछ चार्ज कर सकते हैं. ऐसे जूते बनाए हैं 9वीं क्लास के स्टूडेंट सौविक सेठ ने. हुगली के चंदननगर के बरसात देपाड़ा के रहने वाले सौविक इससे पहले विज्ञान संबंधी कई पुरस्कार अपने नाम कर चुके हैं. इस नन्हे टर को पूरा भरोसा है कि उसके इए इनोवेशन से जूतों की दुनिया में एक बड़ा मोड़ आएगा. इसका फायदा छोटे बच्चों के पैरेंट्स के साथ ही, उन्हें मिलेगा जो पहाड़ चढ़ते हैं या वाॅक नियमित रूप से घंटों करते हैं.
कबाड़ से जुगाड़ वाले जूतों में हैरान करने वाली खासियतें
दिलचस्प बात है कि सौविक ने यह शू सिस्टम बनाया कैसे! सौविक ने बताया ‘मैंने बेकार चीजों से यह स्मार्ट सूट बनाया. जीपीएस वाले ये जूते बच्चों के लिए काफी सुविधाजनक हैं.’ एक नजर में देखें ये जूते कितने कारगर हो सकते हैं.
– परिवार के लोग देख सकेंगे कि उनका बच्चा किस लोकेशन पर है.
– इन जूतों में स्पाय कैमरा भी है. इससे यह भी देखा जा सकेगा कि बच्चे के आसपास कोई संदिग्ध व्यक्ति तो नहीं.’
– किसी संदिग्ध को यह पता भी नहीं चलेगा कि बच्चे के जूते में स्पाय कैमरा है.
– पर्वतारोहियों के लिए ये जूते गैजेट्स चार्ज करने के लिहाज़ से बहुत उपयोगी हैं.
क्या सौविक के लिए कोई संस्था आगे आएगी?
सौविक ने यह भी कहा कि वह अब आईटीआई की पढ़ाई करना चाहता है और अगर कोई बड़ी कंपनी उसके काम की तरफ नजर करती है, तभी उसकी मेहनत सफल होगी. सौविक की मां सोमा सेठ ने कहा ‘पांचवी क्लास में पढ़ने के समय से ही सौविक अपने चाचा को चाइनीज लाइटों का काम करते देखता था. इससे पहले उसने कबाड़ से ही साइकिल की घंटी बनाई थी. फिर एक स्पाय कैमरा के साथ स्पाय सूट बनाया, जिसे बनाने में काफी खर्च होता है.’
चूंकि सौविक के पिता स्वरूप सेठ एक जूट मिल में कारीगर हैं इसलिए इतना पैसा जुटा पाना संभव नहीं है. सोमा ने कहा ‘बेहतर होगा कि कोई संस्था या कंपनी सहयोग के लिए आए और सौविक के काम को मंच मिले. हम अपने बेटे को अच्छी से अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं ताकि उसकी काबिलियत और निखरे.’
दो दशक से पत्रकारिता, साहित्य व शायरी में समानांतर हस्तक्षेप, राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, वेबसाइट्स पर राजनीति, कला साहित्य, अपराध, मनोरंजन आदि क्षेत्रों में रचनात्मक लेखन, संपादन एवं मल्टीमीडिय…और पढ़ें
दो दशक से पत्रकारिता, साहित्य व शायरी में समानांतर हस्तक्षेप, राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रों, पत्रिकाओं, वेबसाइट्स पर राजनीति, कला साहित्य, अपराध, मनोरंजन आदि क्षेत्रों में रचनात्मक लेखन, संपादन एवं मल्टीमीडिय… और पढ़ें