भरतपुर स्थित ऐतिहासिक और आस्था का केंद्र माने जाने वाले बिहारीजी मंदिर से जुड़ा एक विवादित वीडियो सामने आने के बाद क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। इस वीडियो में कुछ युवक मंदिर परिसर में अश्लील गानों पर डांस करते और जन्मदिन मनाते नजर आ रहे हैं। इस शर्मनाक हरकत पर देवस्थान विभाग ने कड़ा रुख अपनाते हुए मथुरागेट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।
वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होते ही यह मामला तूल पकड़ गया और आमजन में रोष व्याप्त हो गया। देवस्थान विभाग ने इसे मंदिर की गरिमा और धार्मिक आस्था के खिलाफ बताते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
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मंदिर परिसर में अश्लीलता पर देवस्थान विभाग ने जताई कड़ी आपत्ति
वीडियो में कुछ युवक बिहारीजी मंदिर के अंदर तेज आवाज में अश्लील गानों पर नाचते और बर्थडे पार्टी मनाते हुए नजर आ रहे हैं। मंदिर की सजावट और वीडियो के फुटेज को देखने के बाद देवस्थान विभाग ने जांच की तो पता चला कि यह वीडियो लगभग तीन महीने पुराना है। देवस्थान विभाग के आयुक्त मुकेश मीणा ने बताया कि वीडियो की सजावट और उसमें नजर आ रहे लोगों के आधार पर मंदिर के पुजारी मनोज भारद्वाज और उनके भाई कृष्ण माधव की पहचान की गई है। इस कृत्य को लेकर विभाग ने मथुरागेट थाने में FIR दर्ज कराई है और विभागीय स्तर पर भी जांच शुरू की है।

पुजारी के भाई ने बनाया ट्रस्ट, खुद को अध्यक्ष घोषित किया
FIR में उल्लेख किया गया है कि कृष्ण माधव, पुजारी मनोज भारद्वाज का भाई है। उसने मंदिर का ट्रस्ट बनाकर खुद को उसका अध्यक्ष घोषित कर दिया है। यह जानकारी विभाग को पहले नहीं दी गई थी। देवस्थान विभाग के सहायक लेखाधिकारी द्वितीय नवल सिंह बघेल ने थाने में दर्ज कराई गई रिपोर्ट में साफ तौर पर आरोप लगाया कि मंदिर में इस तरह का आयोजन बिना किसी पूर्व सूचना या अनुमति के किया गया, जो कि देवस्थान नियमों और धार्मिक मर्यादाओं का घोर उल्लंघन है।
वीडियो में शामिल अन्य लोगों की पहचान जारी
थाना मथुरागेट के अधिकारी मदन लाल मीणा ने बताया कि वीडियो के आधार पर अन्य लोगों की पहचान की जा रही है, जो इस आयोजन में शामिल थे। उन्होंने कहा कि नियमों के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
धार्मिक स्थल की मर्यादा भंग, आस्था को पहुंचा आघात
देवस्थान विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि इस प्रकार की घटना न केवल मंदिर की मर्यादा को ठेस पहुंचाती है, बल्कि आम लोगों की धार्मिक भावनाओं को भी आहत करती है। मंदिर एक राजकीय आत्मनिर्भर धार्मिक स्थल है, जहां इस तरह की गतिविधियां कानूनन अपराध की श्रेणी में आती हैं।
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FIR में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296 (सार्वजनिक स्थान पर अश्लीलता), धारा 298 (पवित्र स्थल को अपवित्र करना) और धारा 299 (धार्मिक विश्वास का अपमान करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
प्रशासन की चुप्पी पर भी उठे सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर मंदिर जैसी जगहों पर ऐसी घटनाएं होती हैं और स्थानीय प्रशासन पहले से जागरूक नहीं होता, तो यह भविष्य में गंभीर परिणाम ला सकती हैं। मंदिर में पुजारी की मौजूदगी में इस तरह की गतिविधि का होना आश्चर्यजनक और चिंताजनक दोनों है।