कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार बंगलूरू भगदड़ के बाद मीडिया को संबोधित करने के लिए बाहर आए तो भावुक हो गए। शिवकुमार घटना को याद कर अपने आंसू नहीं रोक पाए और बिलख पड़े। उन्होंने कहा कि हादसे में बच्चों की भी जान गई है। इस नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती। बीते दिन भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
शिवकुमार ने नम आंखों और रुंधे हुए गले के साथ संवाददाताओं से कहा कि एक मां ने मुझसे अनुरोध किया कि मैं अपने बेटे का शव पोस्टमॉर्टम कराए बिना दे दूं, लेकिन यह एक कानूनी प्रक्रिया थी। उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि बंगलूरू के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में जीत का जश्न मनाने की अनुमति किसने दी, क्योंकि जवाबदेही तय की जाएगी और पूरी जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। हम इस अनहोनी पर भाजपा के राजनीतिक एजेंडे के खिलाफ हैं। हम राजनीति नहीं करना चाहते।
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शिवकुमार ने माफी मांगी
इससे पहले बुधवार को घटना के तुरंत बाद शिवकुमार ने माफी मांगी और कहा कि 35,000 लोगों की क्षमता वाला स्टेडियम इतनी बड़ी भीड़ को संभाल नहीं सका। हालांकि, कर्नाटक के गृह मंत्री जी. परमेश्वर के अनुसार भीड़ का आकार कल के अनुमान से कहीं अधिक था। राज्य के गृह मंत्री ने आज दोपहर कहा कि करीब आठ लाख लोग आए थे।
10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा
कर्नाटक सरकार ने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार शाम को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मामले की मजिस्ट्रेट जांच की भी घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं इस घटना का बचाव नहीं करना चाहता। हमारी सरकार इस पर राजनीति नहीं करेगी। मैंने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं और 15 दिन का समय दिया है। लोगों ने स्टेडियम के गेट भी तोड़ दिए। भगदड़ मच गई। किसी को भी इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी।’
भाजपा ने कर्नाटक सरकार की आलोचना
भाजपा ने कर्नाटक सरकार की आलोचना की कि उसने इतनी भीड़ का अनुमान नहीं लगाया। कांग्रेस के कई नेता इस बार आरसीबी की संभावित जीत के बारे में बात कर रहे थे। कार्यक्रम से पहले ही जश्न का माहौल था। इससे यह संकेत मिल रहा था कि भारी भीड़ उमड़ेगी। केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने शिवकुमार के इस्तीफे की मांग की और भगदड़ की जांच के लिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के नेतृत्व में एक जांच समिति गठित करने का आह्वान किया।