bap won the banswara loksabha seat in rajsthan

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राजस्थान में इस बार का लोकसभा चुनाव कई मायनों में सबसे अलग रहा। एक तरफ कांग्रेस ने जहां 10 साल के बाद जबरदस्त तरीके से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई बल्कि भारत आदिवासी पार्टी (बाप) ने भी अपना खाता खोल लिया। बाप ने इंडिया गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा था।
अनुसूचित जातियों की समस्याओं को दूर करने और उनके अधिकारों के लिए लड़ने के नाम पर गठित हुई भारत आदिवासी पार्टी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में राजस्थान में तीन सीटें जीतकर धमाकेदार इंट्री की। पार्टी की इस उपलब्धि ने उसे राज्य में एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय दल के रूप में स्थापित कर दिया।
2024 के लोकसभा चुनाव में बाप ने एक सीट जीतकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी मौजूदगी का एहसास करा दिया है। पार्टी के चौरासी से विधायक राजकुमार राउत ने बांसवाड़ा-डुंगरपुर लोकसभा सीट जीत लिया है। यह जीत न सिर्फ पार्टी के लिए संसद का रास्ता खोल दिया, बल्कि अनुसूचित जातियों के बीच उसकी स्वीकार्यता भी बढ़ा दी है।
दरअसल, भारत आदिवासी पार्टी (बाप) की जड़ें भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) से जुड़ी हुई हैं। छोटूभाई वसावा ने 2017 में गुजरात में बीटीपी का गठन किया था। विधायक राजकुमार राउत और राम प्रसाद डिंडोर ने बीटीपी से नाता तोड़कर सितंबर 2023 में भारत आदिवासी पार्टी (बाप) बना ली। उसके बाद बागिडोरा विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में बाप के उम्मीदवार जयकृष्ण पटेल ने 51 हजार 308 वोट के शानदार अंतर से जीत दर्ज की। दरअसल, यहां के विधायक महेंद्रजीत मालवीय के कांग्रेस से भाजपा में चले जाने के कारण इस सीट पर उपचुनाव कराया गया था। इस जीत के बाद विधानसभा में उसके सदस्यों की संख्या चार हो गई है।
लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद राउत ने कहा था कि जनता ने उन लोगों को सबक सिखाया है जो चुनाव में धनबल का प्रयोग करते हैं। राजनीतिक विश्लेषक मनीष गोधा कहते हैं कि राउत ने महेंद्रजीत सिंह मालवीय जैसे मजबूत नेता को हराया है। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस के उम्मीदवार के नामांकन वापस नहीं लेने के बावजूद राउत का जीतना काफी महत्वपूर्ण है। गोधा ने बताया कि बीटीपी में फूट के बाद बाप अस्तित्व में आया। निश्चित रूप से बाप की यह जीत भविष्य में बीजेपी और कांग्रेस के लिए चुनौती साबित होगी।