Published On: Tue, Jun 25th, 2024

Bangladesh: शेख हसीना बोलीं- तीस्ता परियोजना पर भारत और चीन दोनों के प्रस्तावों पर विचार करेगा बांग्लादेश


Bangladesh to gauge both Indian and Chinese proposals on the Teesta project: PM Hasina

शेख हसीना
– फोटो : एएनआई (फाइल)

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बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने मंगलवार को कहा कि उनका देश सीमापार तीस्ता नदी पर जलाशय से जुड़ी एक बड़ी परियोजना के लिए भारत और चीन के प्रस्तावों पर गौर करेगी और बेहतर प्रस्ताव को स्वीकार करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर पिछले हफ्ते भारत की यात्रा कर चुकी हसीना ने अपने दौरे को बहुत उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि भारत के शीर्ष नेतृत्व के साथ उनकी वार्ता के परिणाम मौजूदा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और सहयोग के नए रास्ते खोलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। 

  

हसीना ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, “हमने तीस्ता परियोजनाएं शुरू कीं। चीन ने प्रस्ताव दिया है और भारत ने भी। हम दोनों प्रस्तावों का मूल्यांकन करेंगे और हमारे लोगों के हितों के संदर्भ में जो सबसे अधिक लाभकारी और स्वीकार्य होगा, उसे स्वीकार करेंगे।” यह पूछे जाने पर कि तीस्ता परियोजना के संबंध में भारत और चीन में से वह किस पक्ष का अधिक समर्थन करती हैं, हसीना ने कहा, “हम अपने देश की विकास संबंधी आवश्यकताओं के आधार पर अपनी मित्रता बनाए रखते हैं।”

चीन ने इस परियोजना पर भौतिक सर्वेक्षण पूरा कर लिया है, जबकि भारत ने तीस्ता परियोजना के क्रियान्वयन के संबंध में एक और अध्ययन करने की इच्छा व्यक्त की है। माना जा रहा है कि भारत को अपने रणनीतिक सिलीगुड़ी कॉरिडोर के पास एक प्रमुख परियोजना में चीन की भागीदारी पर आपत्ति है, जिसे ‘चिकन नेक’ के रूप में भी जाना जाता है, जबकि बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने पहले कहा था कि ढाका प्रस्ताव पर आगे बढ़ने में “भू-राजनीतिक मुद्दों को संज्ञान में लेगा।’’

बांग्लादेश के अधिकारियों के अनुसार, चीन ने 2020 में तीस्ता नदी पर गाद निकालने के एक बड़े कार्य और भारत की किसी भी भूमिका के बिना जलाशयों और तटबंधों के निर्माण का प्रस्ताव रखा था, लेकिन बांग्लादेश इस परियोजना पर आगे नहीं बढ़ा है। कई विश्लेषकों ने कहा कि इस परियोजना में चीन की भागीदारी प्रमुख साझा नदी पर भारत-बांग्लादेश विवाद को जटिल बना सकती है।

वर्ष 2009 में अवामी लीग सरकार के सत्ता में लौटने के बाद से तीस्ता जल बंटवारे के समझौते पर बातचीत चल रही है, जबकि हसीना ने आज कहा कि “बांग्लादेश का भारत के साथ तीस्ता नदी जल बंटवारे को लेकर एक पुराना मुद्दा है।’’ उन्होंने कहा, “इसलिए, अगर भारत तीस्ता परियोजना करता है तो बांग्लादेश के लिए यह आसान होगा। उस स्थिति में, हमें हमेशा तीस्ता जल बंटवारे के बारे में बात करने की आवश्यकता नहीं होगी।”

हसीना ने साथ ही कहा कि बांग्लादेश का भारत के साथ 54 साझा नदियों के जल बंटवारे को लेकर एक पुराना मुद्दा है, लेकिन उन्होंने कहा कि अगर समस्याएं हैं, तो समाधान भी हैं। उन्होंने कहा, “भारत तीस्ता परियोजना पर हमारे साथ सहयोग करने के लिए सहमत हो गया है। एक संयुक्त समिति का गठन किया जाएगा जो न केवल यह तय करेगी कि पानी का बंटवारा कैसे किया जाएगा, बल्कि यह भी तय करेगी कि नदी को कैसे पुनर्जीवित किया जाए, उत्तरी क्षेत्र में खेती के लिए इसका उपयोग कैसे किया जाए और इसके नौवहन को कैसे बढ़ाया जाए।’’ 

उन्होंने कहा कि जल बंटवारे पर चर्चा में नदी से गाद निकालने, तटबंधों का निर्माण और जल संरक्षण के उपाय भी शामिल हैं। उन्होंने कहा, “भारत 1996 की गंगा जल संधि के 2026 में समाप्त होने के बाद एक तकनीकी टीम भेजेगा। टीम (अपने बांग्लादेशी समकक्षों के साथ) विकल्पों की तलाश करेगी और शर्तों पर बातचीत करेगी।”

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