Apple Season Early Varieties Of Apples Are Ready Gardeners Are Not Getting Buyers – Amar Ujala Hindi News Live


मंडी जिला के सरोआ स्थित एक बगीचे में पककर तैयार होने को सेब फसल।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
विस्तार
मंडी जिले में होने वाले करोड़ों रुपये के सेब के कारोबार के लिए खरीदार नहीं मिल रहे हैं। उत्पादन कम होने से बगीचे खरीदने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। 35 लाख सेब पेटी उत्पादित करने वाले मंडी जिले में इस बार 24.47 लाख सेब पेटी उत्पादन होने की उम्मीद है। मंडियों के आढ़ती भी कम दाम के ऑफर दे रहे हैं। इस कारण व्यापारी सेब बगीचों पर हाथ डालने से परहेज कर रहे हैं।
कम दामों में खरीद के बावजूद मंडियों में कहीं सेब के दाम लुढ़क गए तो व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। यही कारण है कि सेब की सौदेबाजी पर विराम लगा हुआ है। रेड जून, टाइड मैन, समर क्वीन सेब मंडियों में जाने के लिए तैयार है। अभी तक बगीचों में बोली का दौर शून्य है। इस बार उत्पादन भी कम हुआ है। सेब की बोली लगाने के लिए व्यापारी बगीचों में नहीं घुस रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय आजादपुर सब्जी मंडी दिल्ली के आढ़तियों ने व्यापारियों और बागवानों से बगीचे में ही 800 से एक हजार रुपये तक प्रति कार्टन सेब की खरीद कर बोली लगाने को कहा है। मंडी जिले के सेब उत्पादित क्षेत्रों में जून के मध्य में बगीचों के सौदे हो जाते थे, मगर इस बार कहानी कुछ और है। बागवानों यशवंत, राजू, केशव, यशपाल, देवेंद्र, मोहर, तेज सिंह, प्रेम, अनिल, नंदलाल, जीत कुमार, लीला प्रकाश, हेम सिंह ने बताया कि इस बार व्यापारी सेब के बगीचों का रुख नहीं कर रहे हैं।
क्षेत्र में कोई कोल्ड स्टोर न होने से बागवान अपना सेब स्टोर करने में भी असमर्थ हैं। मंडी जिला में इस बार सेब का निर्धारित उत्पादन लक्ष्य 48,500 मीट्रिक टन है। जिले में एप्पल वैली करसोग, चुराग, चरखडी, निहरी, पण्डार, कमाद, शकोहर, रोहांडा, थमाड़ी, कुटाहची, फ़ंग्यार, जहल, धंग्यारा, सलाहर, बगस्याड, थुनाग, जंजैहली, छतरी, सरोआ, शिल्हि बागी, बागाचनोगी, थाची और पंजाई में सेब का उत्पादन होता है। वहीं, के क्रॉस एन कंपनी दिल्ली के मालिक नरेश ढल ने 800 से एक हजार रुपये प्रति कार्टन खरीद करने की पुष्टि की है। उद्यान उपनिदेशक मंडी डॉ. संजय गुप्ता ने बताया कि अर्ली वैरायटी तैयार हो रही है।