भारत ने पाकिस्तान की तरफ से पोषित एवं प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ अपनी वैश्विक संपर्क कवायद शुरू की है और पहलगाम में पर्यटकों पर हमले के जवाब में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आत्मरक्षा के अधिकार पर पक्ष रखने के लिए बहुदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल जापान और संयुक्त अरब अमीरात पहुंचे हैं। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने अबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात के मंत्री शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान, रक्षा समिति के अध्यक्ष अली अल नूमी और अन्य प्रमुख नेताओं के साथ बातचीत की, जबकि जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के संजय झा के नेतृत्व में सांसदों के एक अन्य प्रतिनिधिमंडल ने टोक्यो में जापान के विदेश मंत्री ताकेशी इवाया और अन्य नेताओं के साथ बातचीत की।
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‘किसी भी रूप में उचित नहीं आतंकवाद’
जापान में मौजूद भारतीय दूतावास की तरफ से जारी एक बयान में इवाया के हवाले से कहा गया कि उन्होंने संजय झा के नेतृत्व वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल को बताया कि आतंकवाद को किसी भी रूप में उचित नहीं ठहराया जा सकता और उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और विश्व के साथ एकजुटता व्यक्त की। इसमें कहा गया है कि इवाया ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले में हुई लोगों की मौत पर संवेदना और घायलों के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त की। जापानी नेताओं के साथ प्रतिनिधिमंडल की बैठक पर जापान में भारतीय दूतावास की तरफ से ‘एक्स’ पर की गई एक पोस्ट को साझा करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, ‘टीम इंडिया को आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस के हमारे संदेश को दुनिया तक ले जाते हुए देखना बहुत अच्छा है।’
संयुक्त अरब अमीरात और जापान में दोनों प्रतिनिधिमंडलों ने मंत्रियों, महत्वपूर्ण लोगों और कई संगठनों के लोगों से मुलाकात की। यूएई में भारतीय दूतावास ने कहा, ‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक साथ हैं। श्रीकांत शिंदे के नेतृत्व में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने अबू धाबी में शेख नाहयान बिन मुबारक अल नाहयान के साथ एक लाभदायक बैठक की। हर तरह आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।’ उसने कहा, ‘उन्होंने भारत और यूएई के सद्भाव और सहिष्णुता के मूल्यों को रेखांकित किया।’ दूतावास ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने रक्षा मामलों, आंतरिक और विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष डॉ. अली अलनुआइमी से भी मुलाकात की और ‘उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति के लिए भारत-यूएई के साझा संकल्प को रेखांकित किया।’