एक बुजुर्ग की सरलता को निशाना बनाते हुए अश्लील वीडियो बनाकर उसे वायरल करने की धमकी देने और मोबाइल व रुपये हड़पने के मामले में किशनगढ़ थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह का मास्टरमाइंड चंद्रप्रकाश उर्फ भंडारी है, जिसने दो महिलाओं को साथ लेकर यह साजिश रची थी। आरोपियों के पास से तीन मोबाइल और 2500 रुपये बरामद किए गए हैं। पुलिस की इस कार्रवाई ने एक संगठित ब्लैकमेलिंग गैंग का भंडाफोड़ कर पीड़ित बुजुर्ग को राहत दिलाई है।
काम मांगने के बहाने बुजुर्ग के पास पहुंचीं महिलाएं
जानकारी के मुताबिक, घटना 23 मई की सुबह की है। किशनगढ़ थाना क्षेत्र के मालियों की बाड़ी स्थित श्मशान भूमि में एक बुजुर्ग पौधों को पानी दे रहा था। तभी एक अज्ञात महिला वहां पहुंची और काम मांगने का बहाना किया। बुजुर्ग ने दया दिखाते हुए उसे 200 रुपये मजदूरी पर काम पर रख लिया। कुछ ही देर में दूसरी महिला भी मौके पर पहुंची और दोनों ने बुजुर्ग से कमरे के अंदर चलने को कहा। बुजुर्ग बाहर ही बैठा रहा। इसके बाद षड्यंत्र की अगली कड़ी शुरू हुई। दूसरी महिला ने पहले महिला के कपड़े खोलकर उन्हें बुजुर्ग पर फेंक दिए और उसी दौरान मोबाइल से वीडियो बनाना शुरू कर दिया। बुजुर्ग घबरा गया और कुछ समझ पाता, इससे पहले ही चंद्रप्रकाश उर्फ भंडारी वहां आ पहुंचा और खुद को माली बताते हुए खुद को पुलिस का आदमी बताने लगा।
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ब्लैकमेल कर 11 हजार रुपये की मांगी फिरौती
चंद्रप्रकाश ने बुजुर्ग की जेब से मोबाइल और पैसे निकालकर महिलाओं को दे दिए और कहा कि मामला गंभीर है, इसे 11 हजार रुपये देकर रफा-दफा किया जा सकता है। जब बुजुर्ग ने पैसे देने से इनकार किया, तो उसे वीडियो वायरल करने की धमकी दी गई। इस पूरे घटनाक्रम से डरकर बुजुर्ग ने 25 मई को किशनगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई।
पुलिस की तेजी से खुली साजिश की परतें
शिकायत मिलते ही किशनगढ़ थानाधिकारी भीखाराम काला के नेतृत्व में पुलिस ने मुकदमा संख्या 93/2025 दर्ज किया। भारतीय न्याय संहिता की धारा 307 और 3(5) बीएनएस के तहत कार्रवाई की गई। अजमेर जिले की पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण दीपक शर्मा और सहायक पुलिस अधीक्षक आईपीएस अभिषेक अंदाशु के मार्गदर्शन में विशेष टीम बनाई गई। इस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चंद्रप्रकाश उर्फ भंडारी (30), मन्ना देवी (40) और आरती सैनी (32) को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के साथ मोबाइल और नकदी भी बरामद
पुलिस ने तीनों आरोपियों के पास से तीन मोबाइल और 2500 रुपये बरामद किए हैं। पूछताछ के बाद तीनों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह पहले भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे चुका हो सकता है, जिसकी जांच की जा रही है।
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इस सफल कार्रवाई में थानाधिकारी भीखाराम काला, कांस्टेबल गणेशराम, प्रदीप कुमार, सीताराम, महिला कांस्टेबल संतोष और सरिता की विशेष भूमिका रही। टीम ने पेशेवर अंदाज में न केवल आरोपियों की पहचान की, बल्कि समय रहते उन्हें गिरफ्तार कर एक बुजुर्ग को मानसिक और सामाजिक शोषण से बचा लिया।