Published On: Sun, Jun 8th, 2025

Ajmer News: Journalists Review Water Conservation And Grazing Land Development Under Vande Ganga Campaign – Ajmer News


वंदे गंगा जल संरक्षण महाअभियान के अन्तर्गत जल स्वावलंबन पखवाड़े में शनिवार को जिला प्रशासन द्वारा मीडिया को विभिन्न जल संरक्षण स्थलों का भ्रमण कराया गया। इस भ्रमण से आमजन तक जल संरक्षण, वर्षा जल संचयन, पारंपरिक जल स्रोतों के पुर्नजीवन और वृक्षारोपण कार्यों के प्रति जन जागरूकता का संदेश पहुंचाया जाएगा। मीडिया को सराधना, लामाना एवं गोला ग्रामों में जल संरक्षण एवं चरागाह विकास कार्यों का प्रत्यक्ष अवलोकन कराया गया।

 

इस अवसर पर जल संग्रहण एवं भूजल विकास विभाग के तकनीकी सलाहकार शलभ टंडन ने बताया कि मीडियाकर्मियों को ग्राम पंचायत सराधना में श्मशान भूमि पर जनसहयोग से हरित परिवर्तन की जानकारी दी गई। स्थानीय समुदाय के सहयोग से क्षेत्र को हरा-भरा बनाया गया है। टंडन ने मीडिया के माध्यम से आमजन से जल संरक्षण, वृक्षारोपण एवं पारंपरिक जल स्रोतों के संरक्षण में भागीदारी निभाने का आह्वान किया।

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स्थानीय सरपंच हरिकिशन जाट ने बताया कि मुक्तिधाम विकास कार्यो के अंतर्गत मनरेगा, 15वें वित्त आयोग से, कन्वर्जन्स एवं भामाशाहों द्वारा जनसहयोग और जनभागीदारी से निर्माण कार्य करवाए गए। मुक्तिधाम की चारदीवारी, प्याऊ, प्रवेश द्वार, ओपन जिम, महामृत्युंजय महादेव की दो प्रतिमाएं, जीएलआर का निर्माण भामाशाहों के सहयोग से हुआ। पहाड़ी के बहते पानी को डायवर्जन चैनल के माध्यम से अमृत सरोवर में डाला जा रहा है। यहां एक हजार से अधिक शीशम, बरगद, पीपल, नीम सहित वानिकी प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं। अग्रिम मृदा कार्य 400 पौधों के लिए किया गया है। पौधों को पानी पिलाने के लिए जीएलआर से पाइप लाइन जगह-जगह डाली गई है। पक्षियों के लिए जल एवं चुग्गा पात्र की भी व्यवस्था है।

इसके साथ ही ग्राम पंचायत गोला में 2022-23 से शुरू हुए चरागाह विकास कार्यों का अवलोकन कराया गया। श्री टंडन ने बताया कि गोला ग्राम पंचायत में चारागाह विकास के लिए 5-5 हैक्टेयर के तीन स्थलों पर कार्य प्रारंभ किए गए। इनमें फलदार, वानिकी, तारबंदी, ड्रीप सिंचाई, सोलर पंप, घास बीजारोपण, वॉटर टैंक, चौकीदार कक्ष और सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की गई है। इसके लिए प्रति चारागाह 36.65 लाख की लागत से ये कार्य किए गए हैं। 

अमृत सरोवर निर्माण एवं चारागाह विकास से क्षेत्र में भूजल स्तर में वृद्धि हुई है। सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता बढ़ी है और जानवरों के लिए पेयजल की सुविधा सुनिश्चित हुई है। इससे वर्षा जल संचयन, मिट्टी कटाव में कमी और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिली है।

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प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से फलदार एवं वानिकी पौधों के पौधारोपण से गोला में चारागाह विकास कार्य का नवाचार किया गया। पौधों को ड्रिप के माध्यम से पानी पिलाने के लिए 50 हजार लीटर का एसआर टैंक बनाया गया है। इससे नीम, शीशम, गुलमोहर, करंज, आंवला, नींबू, करौंदे एवं एप्पल बेर जैसे लगभग दो हजार पौधों को पानी पिलाया जाता है। वंदे गंगा जल सरंक्षण महाअभियान के अन्तर्गत 200 पौधों के लिए अग्रिम मृदा कार्य किए गए हैं। आमजन को इससे जोड़ने के लिए भू-जल संरक्षण विभाग की योजनाओं की जानकारी क्यूआर कोड से दी जाती है। यहां सीड बैंक को भी कार्यशील किया गया है। 

इसके अतिरिक्त ग्राम लामाना में विकसित चरागाह का भ्रमण भी मीडिया को कराया गया, जहां धार्मिक आस्था से प्रेरित क्षेत्र में कुल्हाड़ी प्रयोग निषिद्ध होने से प्राकृतिक संरक्षण बना हुआ है। यहां वर्ष 2013 में 8 हैक्टेयर क्षेत्र में चरागाह का विकास प्रारंभ हुआ था। साथ ही ग्राम के तालाब का मनरेगा योजना के अंतर्गत गहरीकरण कार्य का भी अवलोकन कराया गया। इस अवसर पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के अधिकारी संतोष प्रजापति, अतिरिक्त विकास अधिकारी श्यामलाल चचावा, गोला सरपंच सुमन कंवर हिम्मत सिंह, सहायक अभियंता तेजपाल गुर्जर, पंचायत समिति सदस्य बबलू गुर्जर, चौकीदार ओम प्रकाश सैन, लामाना सरपंच कमला देवी, पुखराज, बाबू सिंह एवं मांगू सिंह सहित स्थानीय ग्रामवासियों ने मीडियाकर्मियों से चारागाह विकास के संबंध में चर्चा की।

 

जल संरक्षण एवं चरागाह विकास कार्यों का मीडियाकर्मियों ने किया अवलोकन

जल संरक्षण एवं चरागाह विकास कार्यों का मीडियाकर्मियों ने किया अवलोकन

 

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