राजस्थान में कोरोना वायरस की एक बार फिर दस्तक से स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क हो गया है। अजमेर जिले के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान जवाहरलाल नेहरू (जेएलएन) अस्पताल को अलर्ट मोड पर रखा गया है। संक्रमण की आशंका को ध्यान में रखते हुए अस्पताल प्रशासन ने तमाम तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। ट्रॉमा वार्ड में विशेष क्वारंटीन सेंटर, आईसीयू और अलग कोविड ओपीडी शुरू कर दी गई है।
सतर्कता के साथ जुटा अस्पताल प्रशासन
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को जेएलएन अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए प्रिंसिपल डॉ. अनिल सामरिया, अधीक्षक डॉ. अरविंद खरे और उपाधीक्षक डॉ. अमित यादव खुद अस्पताल पहुंचे। डॉ. सामरिया ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में जिले में कोई भी कोरोना पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है, लेकिन एहतियातन सभी जरूरी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। ट्रॉमा वार्ड में तैयार विशेष क्वारंटीन सेंटर में आईसीयू की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जबकि एक अलग कोविड ओपीडी से संदिग्ध मरीजों की पहचान और त्वरित इलाज की व्यवस्था की गई है।
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चिकित्सक और स्टाफ अलर्ट मोड पर
डॉ. अरविंद खरे ने बताया कि अस्पताल के सभी चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ को पुरानी गाइडलाइन के अनुसार सतर्क रहने और कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। मास्क पहनना, हाथों की स्वच्छता बनाए रखना और सोशल डिस्टेंसिंग जैसे कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन कड़ाई से सुनिश्चित किया जा रहा है। सभी डॉक्टरों को किसी भी संभावित स्थिति के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर भी सतर्कता
अस्पताल में मौजूदा समय में आठ ऑक्सीजन प्लांट मौजूद हैं, जिनमें से सात जनरेशन प्लांट और एक लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट शामिल हैं। इनमें से चार जनरेशन प्लांट इस समय बंद हैं। अधीक्षक डॉ. खरे ने जानकारी दी कि बंद प्लांटों की मरम्मत का काम तेजी से चल रहा है और इन्हें जल्द ही क्रियाशील कर दिया जाएगा, ताकि किसी भी स्थिति में ऑक्सीजन की आपूर्ति में कोई बाधा न आए।
बेड की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित
कोरोना की किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए अजमेर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में बेड की संख्या भी बढ़ा दी गई है। जेएलएन अस्पताल में 1468 बेड, सैटेलाइट अस्पताल में 160 बेड, जनाना अस्पताल में 320 बेड और चंद्रवरदाई व पंचशील सीएचसी में 30-30 बेड की व्यवस्था की गई है। इन सभी बेड्स को ऑक्सीजन और अन्य जरूरी चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित किया जा रहा है।
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जनसहभागिता और सतर्कता ही सबसे बड़ा बचाव
स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि संक्रमण की रोकथाम के लिए समय पर की गई तैयारी और आमजन की सतर्कता सबसे बड़ा हथियार है। आम नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी प्रकार के लक्षण जैसे सर्दी, खांसी, बुखार या सांस लेने में तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन करें। प्रशासन की इस सक्रियता से स्पष्ट है कि अजमेर जिला संक्रमण से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।