देश में इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को लेकर बहसें अब सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं रहीं, बल्कि सार्वजनिक प्रतीकों और नामकरण को लेकर भी सड़कों तक आ चुकी हैं। इसी सिलसिले में हिंदू सेना ने अजमेर से संचालित दो प्रमुख ट्रेनों ‘गरीब नवाज एक्सप्रेस’ के नाम को बदलकर ‘पृथ्वीराज एक्सप्रेस’ रखने की मांग को लेकर केंद्र सरकार से गुहार लगाई है। संगठन का कहना है कि यह परिवर्तन न केवल ऐतिहासिक न्याय होगा, बल्कि भारतीय गौरव और सांस्कृतिक पहचान को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक अहम कदम भी।
पृथ्वीराज चौहान को सम्मान देने की मांग
हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने इस विषय में स्पष्ट रूप से कहा कि अजमेर का ऐतिहासिक संबंध भारत के अंतिम हिंदू सम्राटों में गिने जाने वाले पृथ्वीराज चौहान से रहा है। उनका जन्म अजयमेरु (वर्तमान अजमेर) में हुआ और यहीं से उन्होंने दिल्ली सहित उत्तरी भारत के कई हिस्सों पर शासन किया। विष्णु गुप्ता का कहना है कि पृथ्वीराज चौहान ने विदेशी आक्रांताओं के खिलाफ वीरतापूर्वक युद्ध लड़ा और उनका जीवन आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। ऐसे में अजमेर से संचालित ट्रेनों का नाम उनके नाम पर होना चाहिए।
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‘गरीब नवाज एक्सप्रेस’ नाम पर आपत्ति
वर्तमान में अजमेर से किशनगंज (बिहार) और बेंगलुरु सिटी के लिए ‘गरीब नवाज एक्सप्रेस’ नामक दो ट्रेनें संचालित हैं। इन ट्रेनों का नाम ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के नाम पर रखा गया है, जिन्हें अजमेर के सूफी संत के रूप में जाना जाता है। हिंदू सेना का आरोप है कि मोइनुद्दीन चिश्ती का इतिहास विवादित है और वे भारत में मुहम्मद गौरी के साथ आए थे। संगठन ने यह दावा भी किया कि पृथ्वीराज चौहान की हत्या में चिश्ती की भूमिका रही और इसलिए उनके नाम पर ट्रेनों का नाम रखे जाना ऐतिहासिक असंगति को दर्शाता है।
धार्मिक स्थलों को लेकर भी उठाई आपत्ति
सिर्फ ट्रेन नामकरण ही नहीं, बल्कि अजमेर स्थित दरगाह शरीफ और ‘ढाई दिन की झोपड़ी’ मस्जिद को लेकर भी हिंदू सेना ने सवाल उठाए हैं। संगठन का कहना है कि इन स्थलों का निर्माण पूर्व में मौजूद हिंदू मंदिरों को ध्वस्त कर किया गया था। इन स्थलों को लेकर विवाद पहले से ही न्यायालय में विचाराधीन है, विशेषकर संकट मोचन महादेव मंदिर बनाम गरीब नवाज दरगाह से जुड़ा मामला।
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जनभावनाओं और सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दलील
हिंदू सेना का यह भी तर्क है कि यह केवल नाम परिवर्तन का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण से जुड़ा विषय है। विष्णु गुप्ता ने प्रधानमंत्री और रेलवे मंत्रालय से अपील कर कहा कि देश में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रतीकों को पहचान देने की आवश्यकता है। इस दिशा में ‘गरीब नवाज एक्सप्रेस’ का नाम ‘पृथ्वीराज एक्सप्रेस’ करना एक सकारात्मक शुरुआत हो सकती है।