Published On: Fri, May 30th, 2025

Ajmer News: Agriculture Minister Kirori Lal Meena’s Raid Action On Fertilizer Factories Continues – Ajmer News


कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने नकली खाद बनाने वाले माफिया के खिलाफ अपनी कार्रवाई को बरकरार रखते हुए शुक्रवार को भी किशनगढ़ के डिंडवाड़ा, उदयपुरकला, तिलोनियां, नालू और बांदरसिंदरी क्षेत्रों में स्थित फैक्ट्रियों में छापेमारी की। यह अभियान लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा, जिसमें मंत्री खुद फैक्ट्रियों में पहुंचे। छापेमारी के दौरान फैक्ट्रियों में मार्बल के चूने और मिट्टी को मिलाकर नकली डीएपी, एसएसपी और पोटाश तैयार किया जा रहा था। खेतों और गोदामों में बनी अवैध फैक्ट्रियों में हजारों ब्रांडेड नामों के खाली कट्टे और लेबल मिले। उर्वरकों को ब्रांडेड कम्पनियों के नाम पर पैक किया जा रहा था और इन कट्टों को गांवों में किसानों को बेचने की तैयारी चल रही थी।

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कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों को उच्च गुणवत्ता युक्त खाद, बीज एवं उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। उर्वरकों की कालाबाजारी, जमाखोरी और नकली उर्वरकों पर अंकुश लगाने के लिए कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर विशेष गुण नियंत्रण अभियान चलाये जाते हैं। अजमेर जिले में कुल 21 विनिर्माण इकाईयां स्थापित हैं, जो प्रोम, जैव उर्वरक एवं पोटाश ड्रिराविड फॉर्म मोलासिस आदि निर्माण किया जाता है। इन इकाइयों में से 8 इकाइयां अजमेर के किशनगढ़ क्षेत्र में स्थापित हैं।

नकली खाद बनाने वाली फर्मों के खिलाफ दूसरे दिन भी कार्यवाही जारी

कृषि मंत्री मीणा के निर्देशानुसार गुरुवार और शुक्रवार को किशनगढ़ क्षेत्र के गांव उदयपुरकलां, तिलोनिया, नालू आदि में स्थापित वैद्य और अवैद्य इकाईयों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान अतिशा बायोटेक चूरली के पास प्रोम एवं पोटाश ड्रिराविड मोलासिस के विनिर्माण का लाईसेंस है तथा बिना वैद्य लाईसेंस के सागरिका उर्वरक के निम्न गुणवत्ता के उर्वरक बनाये जा रहे थे। फर्म द्वारा प्रोम एवं पोटाश ड्रिराविड मोलासिस के विनिर्माण में उपयोग होने वाले अवयवों की सही जानकारी नही देने से 631.47 मीट्रिक टन प्रोम, पीडीएम, सागरिका सीज किया गया एवं चार नमूने लिए गये। ट्रोपिकल एग्रो सिस्टम इकाई के पास प्रोम एवं पोटाश ड्रिराविड मोलासिस के विनिर्माण का लाईसेंस हैं, परन्तु फर्म द्वारा प्रोम एवं पोटाश ड्रिराविड मोलासिस के विनिर्माण में उपयोग होने वाले अवयवों की सही जानकारी नही देने से 246.01 मीट्रिक टन प्रोम एवं अन्य अवयवों को सीज कर 2 नमूने लिए गए।

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इसी प्रकार दिव्या एग्रो फर्टीलाइजर इंडस्ट्रीज इकाई के पास प्रोम एवं पोटाश ड्रिराविड मोलासिस के विनिर्माण का लाईसेंस हैं तथा बिना वैद्य लाईसेंस के सागरिका उर्वरक के निम्न गुणवत्ता के उर्वरक बनाये जा रहे थे। फर्म द्वारा प्रोम एवं पोटाश ड्रिराविड मोलासिस के विनिर्माण में उपयोग होने वाले अवयवों की सही जानकारी नहीं देने से अमानक क्वालिटी के 879.85 मै.टन प्रोम, पीडीएम, सागरिका आदि को सीज किया जा रहा है। भूमि एग्रो इंडस्ट्रीज, उदयपुर कलां इकाई के पास जैव उर्वरकों के विनिर्माण का लाईसेंस है। अवैद्य विनिर्माण रॉ मेटेरियल एवं जिप्सम मिलने के कारण 1750 मीट्रिक टन अवयव जिप्सम आदि सीज कर जांच के लिए नमूने लिये गये हैं। मैसर्स गोरधन एग्रो, उदयपुर कलाँ के पास प्रोम का लाईसेंस है। अवैद्य विनिर्माण रॉ मेटेरियल एवं जिप्सम मिलने के कारण 77.50 मेट्रिक टन अवयव जिप्सम आदि सीज किये गये हैं।

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टिकावड़ा में तीन फैक्ट्रियों में प्रोम, पोटाश ड्रिराविड मोलासिस का रॉ मेटेरियल होने के संदेह में सीज कर दी गई, आगामी कार्रवाई की जा रही है तथा फैक्ट्रियां सीज की गई हैं। आज शुक्रवार को मैसर्स ग्रीन एग्रो इण्डस्ट्रीज एवं राधिका एग्रो इण्डस्ट्रीज बांदरसिदरी पर कार्रवाई प्रगति पर है। इनमें से गुरुवार को 8 इकाईयों पर उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 की धारा 28 (1)(डी) के तहत सीज की कार्यवाही की गई तथा शुक्रवार को 2 वैद्य इकाईयों पर कार्रवाई प्रगतिरत है। स्थानीय अधिकारियों सहित राज्य स्तर के अधिकारियों द्वारा मौके पर उर्वरक नियंत्रण आदेश, 1985 के विभिन्न प्रावधानों के अनुसार लगभग 2798.04 मीट्रिक टन विभिन्न उर्वरक को सीज कर वैधानिक कार्रवाई एवं नमूना आहरण की कार्रवाई की जा रही है। इस क्षेत्र में शेष इकाईयों पर कार्रवाई प्रगति पर है।

 

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