Published On: Fri, Jul 19th, 2024

Agricultural University Palampur: If Paddy Plants Get Damaged, Farmers Should Plant Them Afresh – Amar Ujala Hindi News Live


Agricultural University Palampur: If paddy plants get damaged, farmers should plant them afresh

धान की फसल(सांकेतिक)
– फोटो : संवाद

विस्तार


कृषि विवि पालमपुर के कृषि वैज्ञानिकों ने जुलाई के दूसरे पखवाड़े में होने वाली कृषि कार्यों को लेकर किसानों को सलाह दी है, ताकि किसान समय पर अपने कृषि कार्य निपटा सकें। कृषि विशेषज्ञों की ओर से जारी सलाह में कहा गया है कि जिन किसानों ने धान की रोपाई जुलाई के प्रथम सप्ताह में की है और रोपाई के बाद जो पौधे खराब हो गए हैं, वहां पर खराब पौधे की जगह नए पौधे की रोपाई कर दें।  रोपाई वाले धान में खरपतवार नियंत्रण के लिए रोपाई के चार दिन बाद सेफनर के साथ प्रीटिलाक्लोर 800 ग्राम प्रति हेक्टेयर या रोपाई के सात दिन बाद सेफनर के बिना प्रीटिलाक्लोर का प्रयोग करें या फिर धान की रोपाई के चार दिन के अंदर व्यूटाक्लोर मचैटी दानेदार पांच प्रतिशत 30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर या तीन लीटर मचैटी 50 ईसी को 150 किलोग्राम रेत में मिलाकर खड़े पानी में चार से पांच दिन बाद प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें। 

धान की रोपाई के 25 से 30 दिन बाद खरपतवारों के नियंत्रण के लिए बाइस्पाईरीबैक 10 ईसी क्षेत्रफल के हिसाब से छिड़काव करें। मक्की की 30 से 35 दिन की फसल में यूरिया निराई-गुडाई के साथ डाल दें। फसल में सभी प्रकार के खरपतवारों के नियंत्रण के लिए बुवाई के 20 दिन बाद टेंबोट्रियोन का छिड़काव करें। निचले और मध्यवर्ती क्षेत्रों में जिन किसानों ने माश (हिम -39या-1, यूजी-218, पालमपुर-93), मूंग (सुकेती-1, एसएमएल-668, -रु39या इनिंग मूंग नंंबर-1 व पूसा बैसाखी), कुल्थी (बीएल जी, बैजू, एचपी के-4) एवं सोयाबीन (शिवालिक, हरा सोया, पालम सोया, हिम सोया या हिम पालम हरा सोया) की बिजाई की है, वे किसान खेत से जल निकासी की उचित व्यवस्था रखें और खरपतवार नियंत्रण करें।

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