Agricultural Campaign: राजस्थान के 135 गांवों में खरीफ फसलों के लिए कृषि वैज्ञानिकों का अभियान शुरू

Agricultural Campaign In Rajasthan: यदि आप भी फसलों से संबंधित किसी भी तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं तो आपके लिए खुशखबरी है. राजस्थान सरकार के निर्देशानुसार अब 135 गांवों में कृषि वैज्ञानिक आपके दरवाजे पर आकर आपकी फसलों से संबंधित समस्याओं का समाधान करेंगे. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत खरीफ पूर्वविक्षित कृषि संकल्प अभियान शुरू किया गया है, जो 29 मई से 12 जून तक जोधपुर जिले के 135 गांवों में आयोजित होगा. इस अभियान का उद्देश्य किसानों को खरीफ फसलों की नवीनतम तकनीकों, योजनाओं और वैज्ञानिक समाधान की जानकारी देना है. अब किसानों को कृषि वैज्ञानिक के पास जाने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि वैज्ञानिक खुद उनके घर आएंगे. इस योजना से किसानों को काफी लाभ मिलेगा और वे राहत महसूस करेंगे.
किसान जागरूकता अभियान का शुभारंभ
खरीफ फसलों के लिए किसान जागरूकता अभियान का शुभारंभ हो चुका है. जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल और काजरी निदेशक डॉ. ओमप्रकाश यादव ने काजरी मुख्य द्वार से प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर अभियान की शुरुआत की. इस अवसर पर विभागीय अधिकारी और वैज्ञानिक मौजूद थे. कृषि विज्ञान केंद्र जोधपुर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. भगवत सिंह राठौड़ और संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार सत्यनारायण गढ़वाल ने बताया कि यह अभियान प्रतिदिन तीन दलों के माध्यम से 9 गांवों में चलेगा. किसानों से सीधा संवाद कर उन्नत कृषि तकनीकों, बीज चयन, मृदा परीक्षण, सिंचाई प्रणाली और प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी दी जाएगी. अतिरिक्त निदेशक कृषि डॉ. जीआर मटोरिया ने आकाशवाणी जोधपुर के माध्यम से किसानों से इस अभियान में अधिक से अधिक भागीदारी की अपील की है.
इन गांवों में पहुंचेगा अभियान रथ: दल 1 – दुधाबेरा, भांडूजाटी, सिंयादा (पंचायत समिति बालेसर) दल 2 – पिचियाक, बिलाड़ा, खारिया मीठापुर (पंचायत समिति बिलाड़ा) दल 3 – उस्तरा, पालड़ी राणावत, गजसिंहपुरा (पंचायत समिति भोपालगढ़)
अभियान के लिए तीन तकनीकी टीमें गठित
प्रत्येक दल में कृषि वैज्ञानिक, अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल होंगे. अभियान के दौरान इफको द्वारा कृषि ड्रोन तकनीक का भी प्रदर्शन किया जाएगा. इस अवसर पर किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार संतुलित उर्वरकों का उपयोग, फसल चक्र, प्रमाणित बीजों का उपयोग, बीजोपचार, ड्रिप और फव्वारा सिंचाई, दलहनी और तिलहनी फसलों में जिप्सम उपयोग के बारे में जागरूक किया जाएगा. पूरे जिले में चल रहे अभियान के लिए तीन तकनीकी टीमें गठित की गई हैं जो गांवों में जाकर किसानों की समस्याएं सुनेंगी और समाधान सुझाएंगी. साथ ही अग्रणी और पिछड़े किसानों के बीच तकनीकी अंतर को पहचानकर कार्ययोजना भी तैयार की जाएगी.
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